न्यूयॉर्क (New York) दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Tech company Microsoft) ने कहा है कि सर्च रिजल्ट व विज्ञापन पर गूगल-फेसबुक का एकाधिकार है। अमेरिकी संसद (American parliament ) में एकाधिकार-रोधी विधेयक पर चर्चा के दौरान कंपनी ने यह भी कहा कि खबरें ईंधन है, जिनसे अखबारों की कमाई तो घटी लेकिन गूगल की बढ़ गई।
समाचार प्रकाशकों की प्रकाशित सामग्री से पैसा कमा रहे फेसबुक व गूगल आदि द्वारा कमाई प्रकाशकों से साझा करने के प्रस्ताव का समर्थन किया है। विधेयक में इस प्रस्ताव के जरिए अमेरिकी (American) सरकार बड़ी टेक कंपनियों के पर कतरने का प्रयास कर रही है। अमेरिकी(American) की एकाधिकार-रोधी सबकमेटी में माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ ने प्रस्ताव का खुला समर्थन कर कहा कि समाचार प्रकाशकों और कंपनियों के प्लेटफॉर्म के बीच शक्ति का भारी असंतुलन है। इसी वजह से अमेरिकी (American) अखबारों का विज्ञापन राजस्व 2005 के 3.58 लाख करोड़ से घट कर 2018 में 1.03 लाख करोड़ पर सिमट गया है।
संसद में चर्चा के दौरान गूगल के प्रतिनिधि मौजूद नहीं थे, लेकिन बाद में झुंझलाया बयान जारी किया कि माइक्रोसॉफ्ट का उद्देश्य उसे नीचा दिखाना है। उसके वरिष्ठ उपाध्यक्ष केंट वाल्कर ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट का सर्च इंजन बिंग दूसरे नंबर पर है, लेकिन गूगल से बहुत पीछे।
फ्रांस-ऑस्ट्रेलिया (France-australia ) के बाद अमेरिका (America ) भी बदलाव की राह पर… अमेरिका (America ) में एकाधिकार-रोधी कानून के तहत नए प्रस्ताव को समाचार प्रकाशकों (Publishers)के हितों की रक्षा के लिए उठाया कदम माना जा रहा है। नए कानून में समाचार प्रकाशकों (Publishers)को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (Online platform ) से सौदा कर अपने कंटेंट की फीस वसूलने का अधिकार मिल सकेगा। ऐसा ही कानून फ्रांस (France) और ऑस्ट्रेलिया (Australia ) ला चुके हैं, जिसका फेसबुक, गूगल आदि टेक कंपनियों ने काफी विरोध किया, लेकिन अंतत: उन्हें लोकतांत्रिक सरकार के सामने झुकना पड़ा।