अच्छा अखलाक ही इंसान की खूबसूरती है और माफ करना इंसान के बड़ेपन की निशानी है। मेहदवी समाज

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लखनऊ। तालीम और तरबियत ट्रस्ट की निगरानी में मेहदवी समाज के लेक्चर्स आज 16वें दिन भी जारी रहे जिसमें 14 सेंटर पर दीनी, एखलाकी, समाजी, दर्स का सिलसिला जारी है । कल सभी उस्तादों ने रसूल ए खुदा के बड़े नवासे
इमाम हसन अ.स के सिलसिले से स्टूडेंट्स को लेक्चर्स दिए जिसमें हज़रत की जिंदगी के
अखलाकी पहलुओं पर ज़ोर देते हुए उन के सब्र पर वादकयात से रोशनास कराया। दर्स में बताया गया कि दुश्मन की तरफ से आया शख्स इमाम के साथ बद अखलाकी का मुजाहरा करता है लेदकन इमाम इस के बावूजूद उस के जवाब में बहुत अच्छा और इंसानी सुलूक पेश करते हुए उस शख्स से पूछते हैं तुम मुसाफिर लगते हो थके लग रहे हो पहले खाना खा लो अगर कोई ज़रूरत हो तो उस को बयान करो मैं उसको पूरी करूंगा। आया हुआ शख्स इस तरह का अखलाक देख कर बहुत शर्मिंदा हुआ और उसने इमाम से माफी माांग कर कहा मुझको माफ कर दें मैं आपको पहचानता नहीं था । फिर उसने ऐक अजीब जुमला कहा कि ऊपर वाला अच्छी तरह जानता है कि ज़मीन पर अपना खलीफा
किसको बनाए। उस्ताद जनाब जावेद साहब ने रईस मंज़िल रौजा हजरत मुस्लिम और जनाब मोहम्मद अतहर
साहब ने ददयानतउद्दौला में इमाम हसन अ.स की तालीमात की रौशनी में बेहतरीन अांदाज़ में
लेक्चर्स दिए। आखिर में मुल्क के अमन ओ अमान और तरक्की के साथ इमाम ज़माना अस की खिदमत
में सलाम पेश किया गया ।

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