भारत और अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों में तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले की चीन ने कड़ी आलोचना की है। चीनी राजदूत ने ट्रंप को बदमाश कहते हुए इस फैसले को वैश्विक व्यापार व्यवस्था के लिए खतरा बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में काफी तनाव आ गया है। हाल में ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला लिया। ट्रंप के इस फैसले ने राजनीतिक और कूटनतिक तौर पर हलचल मचा दी है।
डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले की चारों ओर आलोचना हो रही है। अब चीन भी खुलकर भारत पर ट्रंप की ओर से थोपे गए टैरिफ की आलोचना कर रहा है। गुरुवार को चीन राजदूत ने ट्रंप के टैरिफ वाले फैसले को गलत ठहराया और ट्रंप को बदमाश कहकर निशाना साधा। इतना ही नहीं चीन ने इसे वैश्विक व्यापार व्यवस्था के लिए भी खतरा बताया।
चीनी राजदूत ने ट्रंप के फैसले पर की तीखी टिप्पणी
जानकारी दें कि नई दिल्ली में चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने गुरुवार को अमेरिका के राष्ट्रपति पर निशाना साधा। उन्होंने ट्रंप के इस टैरिफ के फैसले की आलोचना की। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बदमाश तक कह दिया।
ये घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही चीन की यात्रा कर सकते हैं। जहां पर वह एससीओ की बैठक में हिस्सा लेंगे। बता दें कि बिना किसी का नाम लिए चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बदमाश को अगर एक इंच दिया जाए तो वह एक मील ले लेता है।
इस दौरान उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और ब्राजील के राष्ट्रपति के मुख्य सलाहकार के बीच हालिया फोन कॉल का एक अंश भी शेयर किया। इस बातचीत में वांग यी ने कहा है कि अन्य देशों को दबाने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है और यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों की भी अवहेलना है।
अमेरिका ने भारत पर लगाया 50 प्रतिशत टैरिफ
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया है। इससे भारत पर अमेरिका द्वारा लगाया जा रहा टैरिफ सीधे दोगुना होने के साथ 50 प्रतिशत हो गया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी देते हुए कहा कि भारत को रूस के साथ तेल व्यापार खत्म करना चाहिए। हालांकि, भारत की ओर से करारा जवाब भी अमेरिका को दिया गया। भारत ने कहा कि जो खुद रूस के साथ व्यापार करते हैं वह भारत को रूस से व्यापार करने के लिए रोक रहे हैं।