जनरल (डॉ.) विजय कुमार सिंह ने यादगार डाक टिकट के साथ मिशन रेडियोलॉजी इंडिया को लॉन्च किया

0
97

 

नई दिल्ली : भारत सरकार में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और नागर विमानन मंत्रालय के राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) वी के सिंह (रिटायर्ड) ने मिशन रेडियोलॉजी इंडिया (एमआरआई) को लॉन्च किया। इसके साथ ही मिशन रेडियोलॉजी इंडिया के विशेष रूप से तैयार किये गये ”माय स्टाम्प” को भी पेश किया गया। इस मौके पर दिल्ली सर्कल के पोस्ट मास्टर जनरल (ऑपरेशंस) अशोक कुमार ने रिलीज के लिए पहले अलबम को प्रस्तु्त किया। एमआरआई संदीप शर्मा फाउंडेशन की एक सामाजिक पहल है।”माय स्टाम्प” का अनावरण करते हुए माननीय जनरल (डॉ.) विजय कुमार सिंह, एमओएस, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग व नागर विमानन मंत्री ने कहा, ”मैं इस बेहतरीन पहल की शुरुआत के लिए संदीप शर्मा फाउंडेशन को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिससे प्रत्येक भारतीय को उत्कृष्ट डायग्नॉस्टिक सेवाएं बेहद सस्ती दरों पर मिलेंगी। मिशन रेडियोलॉजी इंडिया शहरी और ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के बीच मौजूद अंतर को भरते हुए भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नए युग की शुरुआत करेगा। इसके साथ ही, यह आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीए-जेएवाई) और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन समेत भारत सरकार के महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रमों को मदद देगा।”मिशन रेडियोलॉजी इंडिया की शुरुआत और माय स्टाम्प के अनावरण के मौके पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए संदीप शर्मा फाउंडेशन के संस्थापक, सामाजिक-राजनीतिक उद्यमी, को-ऑपरेट स्ट्रैडटेजिस्टा और कन्वर्सेशनलिस्ट संदीप शर्मा ने कहा, ”महात्मा गांधी ने कहा था कि अगर रोग की सही जांच हो जाए तो तीन चौथाई इलाज अपने आप हो जाता है। सही जांच (डायग्नोरसिस) होनेसे उपचार में मदद मिलती है और यह फिजियोलॉजिस्ट के लिए सबसे बड़ा लक्ष्य होना चाहिए। हर भारतीय, फिर चाहे उसकी जाति, आर्थिक स्थिति, सामाजिक दर्जा और भौगोलिकता कुछ भी हो, बेहतर स्वास्थ्य सेवा के हकदार हैं। मिशन रेडियोलॉजी इंडिया में हम बेहद किफायती दर पर प्रत्येक भारतीय को गुणवत्तापूर्ण डायग्नॉस्टिक सेवा देकर इस लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।एमआरआई एक अभियान है, जिसका मकसद प्रत्येक भारतीय को उनके घर के नजदीक उचित डायग्नॉस्टिक सेवा मुहैया करना और पहुंच में सुधार और सस्ती सेवा के साथ बीमारी के बोझ को कम करना है। इसे पूरा करने के लिए एमआरआई देश भर में डायग्नॉस्टिक सेंटर्स के नेटवर्क का निर्माण करेगा, जो स्थापित दिशानिर्देशों का पालन करेंगे और संबंधित हितधारकों द्वारा समग्र रूप से इसकी निगरानी की जाएगी। स्थापित डायग्नॉस्टिक सेंटर्स मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग 1.5 टी, कंप्यूटेड टोमोग्राफी, डिजिटल एक्सरे, टेली कंसल्टेशन और पैथोलॉजी सेवाओं समेत अन्य के साथ उत्कृष्ट सेवाओं की पेशकश करेंगे।

‘संदीप शर्मा ने कहा, ”हमारा नजरिया भारत की जरूरतमंद आबादी को किफायती डायग्नॉस्टिक सेवा मुहैया कराना है। समाज के बेहतर फायदे के लिए सभी सामाजिक संगठनों, कॉरपोरेट्स, सरकार और एनजीओ को साथ आना होगा ताकि 748 जिलों में एमआरआई के लिए स्वपोषित फिजिकल और कॉमन डिजिटल प्लेटफॉर्म को तैयार करने में मदद मिल सके।’कई क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा का तेजी से विस्तार हो रहा है, जिसमें रेडियोलॉजी भी शामिल है। नए चलन और टेक्नोलॉजी के उभरने से इमेजिंग और टेक्नोलॉजी की दुनिया लगातार विकसित हो रही है, जो नवाचार के लिए व्यापक संभावनाओं के दरवाजे खोल रही है।दुनिया के अन्य हिस्सों के उलट भारत में शहरी बनाम ग्रामीण और गरीब बनाम अमीर की गहरी खाई जैसी चुनौतियां हैं। किसी व्यक्ति विशेष की खर्च करने की क्षमता मायने रखती है लेकिन अधिकांश स्वास्थ्य सेवाएं महानगरीय क्षेत्रों में केंद्रित हैं, जिससे अन्य इलाके चिकित्सकीय सुविधाओं से वंचित हो जाते हैं।चौंकाने वाला पहलू यह है कि 60 प्रतिशत से अधिक अस्पताल, 70 प्रतिशत से अधिक दवा की दुकानें (डिस्पें्सरी) और 80 प्रतिशत बेहतर ढंग से प्रशिक्षित और योग्य डॉक्टर केवल शहरी इलाकों में ही काम करते हैं। मिशन रेडियोलॉजी इंडिया ने इस परिदृश्यि को बदलने का लक्ष्य तय किया है और इसके लिए यह अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने की कोशिश करेग।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here