अवधनामा संवाददाता
प्रयागराज। उफनाई गंगा ने मंगलवार की रात 2019 की बाढ़ का रिकार्ड तोड़ दिया। अब पानी शहरी आबादी की सड़कों और गलियों में घुसने लगा है। इसी के साथ यमुना का जलस्तर भी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर चला गया। इससे अब तक कछार की तीन दर्जन से अधिक कॉलोनियां और बस्तियां जलमग्न हो चुकी हैं। इससे बड़ी संख्या में लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। देर शाम अरैल में बांध रोड पर बाढ़ का पानी हिलोरें मारने लगा। रात आठ बजे तक गंगा दो सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ती रही, लेकिन यमुना स्थिर हो गई। गंगा में बाढ़ का यही हाल रहा तो बुधवार तक तटीय इलाकों में स्थिति और चिंताजनक हो जाएगी।
संगमनगरी गंगा और यमुना पिछले तीन दिनों से खतरे के निशान से पार होने के बाद कछार में तबाही मचा रही हैं। गंगा बाढ़ का तीन साल पुराना रिकार्ड तोड़कर आगे बढ़ गई। वर्ष 2019 में गंगा का जलस्तर 85.79 मीटर पर पहुंचा था, लेकिन मंगलवार की रात आठ बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 85.82 मीटर पर पहुंच गया। यमुना खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रह हैं।
जबकि, यमुना की सहायक ससुर खदेरी नदी भी तटबंधों से ऊपर सड़कों, गलियों, शहरी बस्तियों, कॉलोनियों में घुस गई है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में मंगलवार को एनडीआरएफ की टीमों ने बघाड़ा, बेली, चांदपुर, बख्शी बांध समेत कई इलाकों में नाव से राहत और बचाव के लिए पसीना बहाया। बाढ़ से घिरे लोगों को नावों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। साथ ही बाढ़ग्रस्त भवनों को खाली कराने के लिए मुनादी भी कराई जाती रही। फिर तमाम लोग गृहस्थी के साथ छतों पर डेरा जमाए हुए हैं।
पहाड़ों पर लगातार बारिश हो रही है। इस वजह से चिंता बनी हुई है। फिलहाल बांधों से अभी कोई बड़ी जलराशि नहीं छोड़ी गई है। यही स्थिति रही और फिर भारी बारिश नहीं हुई तो अगले 24 घंटे में जल स्तर स्थिर हो सकता है। -ब्रजेश कुमार सिंह,एक्सईएन-सिंचाई बाढ़ खंड, प्रयागराज।