बापू की याद में गांधीवादियों ने शुरू किया गांधी स्मृति दिवस, रेठ नदी में किया दीपदान

0
18

बाराबंकी। गांधी आज भी दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है। वह अपने जीवनकाल से ज्यादा वर्तमान में प्रासंगिक हैं। गांधी को कोई भी गोली से नही मार सकता। वह आज भी हमारे दिलों में गांधी जिंदा है। आप गांधी को जितना जी सकते हो, जी कर देखो। यही उनके प्रति सबसे सच्ची श्रद्धांजलि होगी। यह बात गांधी भवन में गुरूवार को गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट द्वारा महात्मा गांधी के 77वें बलिदान दिवस पर आयोजित गांधी स्मृति कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविन्द कुमार सिंह गोप ने कही। वहीं सायंकाल आलापुर स्थित रेठ नदी पर दीपदान करके महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। गुरूवार को गांधी भवन में कार्यक्रम की शुरूआत गांधी भजन से हुई। इसके उपरान्त पूर्व मंत्री अरविन्द सिंह गोप, नगर पालिका परिषद के चेयरमैन प्रतिनिधि सुरेन्द्र सिंह वर्मा, पूर्व विधायक सरवर अली खान, गांधीवादी राजनाथ शर्मा और पूर्व मंत्री हाजी फरीद महफूज किदवई समेत अन्य लोगों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस दौरान पूर्व मंत्री फरीद महफूज किदवई ने चरखा चलाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार एवं लोकतंत्र रक्षक सेनानी धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि महात्मा गांधी जाउम्र सद्भाव के लिए लड़ते रहे। हमें अपने मन में गांधी को जिन्दा रखना है। ताकि हमें नफ़रत से लड़ने की ताकत मिल सके। पूर्व मंत्री फरीद महफूज किदवई ने कहा कि जब महात्मा गांधी ने विदेशी वस्त्रों के बहिस्कार का आन्दोलन चलाया तब मेरे मरहूम चचा सफी अहमद किदवई की बेगम अनीस किदवई ने बापू के आह्वान पर लंदन से बनकर आया बेशकीमती शादी का जोड़ा आग के हवाले कर दिया। यह उनकी गांधी के प्रति आस्था थी। गांधीवादी राजनाथ शर्मा ने कहा कि देश में दो विचारधाराएं चल रही है। इन विचारधाराओं में हमें संवेदना, मानवता, एकता, बंधुत्व और प्रेम की विचारधारा को अपनाना है। जो हमारी आने वाली नस्ल को सवांर सके। पूर्व विधायक सरवर अली खान ने कहा कि जिस शरीर से कुछ लोग घबराते थे, उस विचार से उनके वंशज आज भी डरते घबराते हैं। गाँधी हमें हमारे दिलों से डर निकालने का नाम हैं। गाँधी उस विस्तार का नाम हैं, जो हमेशा बढ़ता जाएगा, जिसका दायरा हमेशा फैलेगा। पूर्व ब्लाक प्रमुख सुरेन्द्र सिंह वर्मा ने कहा कि गांधी के विचारों से हमें प्रेरणा मिलती है। गांधी के बिना देश की आजादी का संभव नहीं थी। उन्होंने देशवासियों को जगाने और अन्याया, शोषण और अत्याचार के खिलाफ लड़ने का अहिंसक हथियार दिया। स्मृति सभा का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता हुमायूं नईम खान, मो उमैर किदवई, बहराइच के पूर्व सपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मी यादव, वीरेन्द्र प्रधान, मृत्युंजय शर्मा, शरद मिश्राा, सलाउद्दीन किदवई, मोहम्मद सबाह, हसमत अली, विनय कुमार सिंह, प्रहलाद यादव, जाहिद हुसैन, अशोक शुक्ला, सभासद मोहम्मद फैसल, विनोद भारती, भागीरथ गौतम, राफिया, सभासद अश्वनी शर्मा, अहमद किदवई, नसीम खान आदि कई लोग मौजूद रहे

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here