प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पांच देशों की यात्रा के दौरान विभिन्न देशों के प्रमुखों को भारत की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े अनमोल तोहफे भेंट किए। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति को राजस्थान की धातु कला का चांदी का शेर दिया गया जबकि उपराष्ट्रपति को बिहार की मधुबनी चित्रकला भेंट की गई। त्रिनिडाड एंड टोबैगो के प्रधानमंत्री को सरयू नदी का जल और अयोध्या राम मंदिर की चांदी की प्रतिकृति दी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पांच देशों की यात्रा के दौरान जिन देशों के प्रमुखों से मुलाकात की, उन्हें भारत की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े अनमोल तोहफे भेंट किए। ये तोहफे न केवल भारत की समृद्ध कला और आध्यात्मिक परंपरा को दर्शाते हैं, बल्कि वैश्विक कूटनीति में सांस्कृतिक आदान-प्रदान की अहमियत को भी दिखाते हैं।
अर्जेंटीना और त्रिनिडाड एंड टोबैगो जैसे देशों को भेंट किए गए ये उपहार भारत की लोक कला, शिल्पकला और धार्मिक विरासत के प्रतीक हैं। इन उपहारों के माध्यम से भारत की सभ्यता की गहराई और साझा मूल्यों पर भी जोर दिया गया।
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति को मिला चांदी का शेर और हीलिंग स्टोन
प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति को राजस्थान की प्रसिद्ध धातु कला का प्रतीक, हाथ से नक्काशी किया गया एक चांदी का शेर भेंट किया। यह शेर एक फुचसाइट (Fuchsite) पत्थर के आधार पर रखा गया था, जिसे ‘हीलिंग और सहनशीलता का पत्थर’ कहा जाता है।
यह उपहार न केवल बहादुरी और नेतृत्व का प्रतीक है, बल्कि भारत की खनिज संपदा और कारीगरी का भी परिचय देता है। शेर की बारीक नक्काशी और पत्थर की चमक, दोनों मिलकर यह दर्शाते हैं कि भारत की परंपरा में सुंदरता और ताकत का अद्भुत मेल है।
अर्जेंटीना की उपराष्ट्रपति को भेंट की बिहार की मधुबनी कला
अर्जेंटीना की उपराष्ट्रपति को बिहार के मिथिला क्षेत्र की मधुबनी चित्रकला भेंट की गई, जिसमें सूर्य को दर्शाया गया था। यह चित्र पारंपरिक रंगों और मोटिफ्स से सजा हुआ था, जो इस लोक कला की खासियत है।
सूर्य भारतीय संस्कृति में ऊर्जा और जीवन का प्रतीक माना जाता है। मधुबनी कला का यह चित्र न केवल एक सौंदर्यपूर्ण उपहार था, बल्कि इसे शुभ और समृद्धि लाने वाला भी माना जाता है। यह भेंट भारत की हजारों साल पुरानी कला परंपरा की जीवंत झलक पेश करती है।
त्रिनिडाड एंड टोबैगो के PM को क्या गिफ्ट दिया
त्रिनिडाड एंड टोबैगो के प्रधानमंत्री को पीएम मोदी ने दो विशेष आध्यात्मिक भेंट दीं। पहली थी सरयू नदी का पवित्र जल से भरा हुआ एक धातु कलश, जो हिंदू परंपरा में पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक है। सरयू नदी को पापों को धोने और शांति देने वाली माना जाता है।
दूसरी भेंट थी अयोध्या राम मंदिर की शुद्ध चांदी की प्रतिकृति, जिसे उत्तर प्रदेश के कारीगरों ने बनाया। यह मॉडल भारत की मंदिर कला और वास्तुशिल्प की बारीकियों को दर्शाता है और धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक गरिमा का प्रतीक भी है।