अवधनामा संवाददाता
सुल्तानपुर। सड़क हादसों में गंभीर रूप से घायल होने वालों या अन्य गंभीर रोगियों को पहली नवंबर से जिले में ट्राॅमा सेंटर की सेवाएं मिलना शुरू हो जाएंगी। हालांकि इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन के पास डॉक्टरों की बेहद कमी है। बावजूद इसके अब कॉलेज प्रशासन हर हाल में ट्राॅमा सेवाएं देने की तैयारी में जुटा है। *अमहट स्थित ट्राॅमा सेंटर* बने तो लंबा अरसा हो गया लेकिन यहां पर अभी तक केवल ओपीडी ही चल पा रही है क्योंकि शासन के निर्देश के अनुसार ट्राॅमा सेंटर के संचालन के लिए कम से कम बेहोशी के दो डॉक्टर, दो सर्जन, हड्डी के दो डॉक्टर और तीन ईएमओ होने चाहिए। फिलहाल ट्राॅमा सेंटर में एक सर्जन, बेहोशी के एक डॉक्टर, हड्डी के एक डॉक्टर और दो ही ईएमओ तैनात हैं। ऐसे में यहां पर 24 घंटे तक ट्राॅमा सेवाएं दे पाना बेहद कठिन काम है लेकिन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का मानना है कि सेवाएं जब एक बार आरंभ हो जाएंगी तो धीरे-धीरे तैनाती भी हो जाएगी। इसीलिए उन्होंने ट्रायल के तौर पर एक ऑपरेशन यहां करवा भी लिया है और पर्याप्त पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती भी कर दी है। यही नहीं सोमवार को उन्होंने ट्राॅमा सेंटर आरंभ करने के लिए अंतिम तैयारी बैठक भी बुलाई है। प्राचार्य डॉ. सलिल श्रीवास्तव ने बताया कि पहली नवंबर से ट्राॅमा सेंटर प्रारंभ कर दिया जाएगा। सोमवार को जो खामियां पाई जाएंगी, वह भी जल्द ही दूर कर ली जाएंगी।