अज्ञात बिमारी के चलते चार बच्चों की मौत

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अवधनामा संवाददाता

– दो बच्चे गंभीर रूप से हुए बीमार
– टीम के साथ मौके पर पहुंचे सीएमओ और डिप्टी सीएमओ
– त्रिवेणी गांव में दो डाक्टरों की लगी ड्यूटी

बांदा। तहसील सदर त्रिवेणी गांव में रहस्यमय बीमारी फैलने से चार बच्चों की मौत हो गई और दो बच्चे गंभीर रूप से बीमार हैं। जिन्हें इलाज के लिए डाक्टरों ने कानपुर रेफर किया है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पूरे गांव में टीकाकरण कराया जा रहा है। दो डाक्टरों की ड्यूटी लगा दी गई है। जिन बच्चों में बीमारी के लक्षण पाए जा रहे हैं, उनके सैंपल लिए जा रहे हैं। जिले के त्रिवेणी गांव में यह बीमारी 8 अगस्त से फैली है। इस बीमारी के चलते सबसे पहले एक 11 साल के बच्चे की मौत हुई।
मृतक के परिजनों के मुताबिक उसे सर्दी ,जुखाम और बुखार था। इसके बाद उसके गले में सूजन आ गई थी। जिसका इलाज प्राइवेट अस्पताल में चल रहा था, जिसकी बाद में मौत हो गई। इस बच्चे की मौत के बाद भी कई बच्चे बीमार थे। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को हो गई थी। लेकिन तब विभाग ने सक्रियता नहीं दिखाई। जिससे यह बीमारी और तेजी से फैलती चली गई। धीरे धीरे कल मंगलवार तक चार बच्चों की मौत हो गई। जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर अनिल कुमार श्रीवास्तव और डिप्टी सीएमओ संजय अग्रवाल मौके पर पहुंचे और पूरे गांव का जायजा लेकर टीकाकरण अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए। इस बीच गांव में कैंप लगाकर सभी बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है और जिन बच्चों पर बीमारी के लक्षण पाए जा रहे हैं। उनके सैंपल भी लिए जा रहे हैं। इस बारे में डिप्टी सीएमओ डा. संजय अग्रवाल ने बताया कि इस गांव में बीमारी फैलने की 8 अगस्त को जानकारी मिल गई थी। जिससे गांव में टीकाकरण कराने के लिए स्वास्थ्य टीम को निर्देशित किया गया था। जो टीकाकरण के काम में जुटी है। उन्होंने कहा कि पहले बच्चे की मौत के बाद लिए गए सैंपल में डिप्थीरिया बीमारी के लक्षण पाए गए थे। जिससे यह सिद्ध होता है कि सभी बच्चों की मौत इसी बीमारी के चलते हुई है। दो बच्चे इलाज के लिए कानपुर भेजे गए हैं अन्य संक्रमित बच्चों के सैंपल लिए जा रहे हैं। जिन बच्चों की मौत हुई है उनकी उम्र 3 से 11 वर्ष तक बताई जा रही है। उन्होंने इस बीमारी के बारे में बताया डिप्थीरिया कारीनेबैक्टेरियम बैक्टीरिया के इंफेक्शन से होता है। इस बीमारी में बैक्टीरिया सबसे पहले गले को नुकसान पहुंचाता है।

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