अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन की टीम ने रविवार को बताया कि उन्हें प्रोस्टेट कैंसर (Joe Biden Prostate Cancer) हो गया है। यह पुरुषों में होने वाले सबसे आम कैंसर में से एक है लेकिन अगर इसका सही समय पर पता लगा लिया जाए तो इसका इलाज भी मुमकिन है। आइए डॉक्टर से जानते हैं कि इसके शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन (Former US President Joe Biden) के ऑफिस ने रविवार को एक स्टेटमेंट जारी करते हुए बताया कि बाइडन प्रोस्टेट कैंसर से डायग्नोस हुए हैं, जो उनकी हड्डियों तक पहुंच चुका है। यह प्रोस्टेट कैंसर का बेहद आक्रामक रूप है। कुछ यूरिनरी संकेतों (Prostate Cancer Warning Signs) के नजर आने के बाद बाइडन ने अपना चेकअप करवाया, जिसमे पता चला कि उन्हें प्रोस्टेट कैंसर है।
यह भी पता चला है कि यह कैंसर तेजी से बढ़ रहा है और बाइडन में इसका ग्लीसन स्कोर 9 बताया गया है। इसे यूं समझ लीजिए कि ग्लीसन स्कोर प्रोस्टेट कैंसर की आक्रामकता को मापने के लिए किया जाता है, जिसमें सबसे हाई नंबर 10 होता है। अब आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि जो बाइडन का कैंसर कितना गंभीर रूप ले चुका है।
ऐसे में प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए किन शुरुआती लक्षणों (Prostate Cancer Early Symptoms) पर ध्यान देना चाहिए इस बारे में जानने के लिए हमने डॉ. मानव सूर्यवंशी (अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद के सीनियर कंसल्टेंट और हेड- यूरोलॉजी, प्रोग्राम हेड- यूरो-ऑन्कोलॉजी एंड रोबोटिक सर्जरी) से बात की। आइए जानें इस बारे में डॉक्टर क्या बताते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाले सबसे कॉमन कैंसर में से एक है और भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं, खासकर शहरी इलाकों में। अगर शुरुआती स्टेज पर पता लगा लिया जाए, तो इस कैंसर का इलाज मुमकिन है, लेकिन इसके शुरुआती लक्षण आसानी से पता नहीं चलते हैं या लोग इन्हें मामूली समझकर इग्नोर कर देते हैं।
कैसे लगाएं प्रोस्टेट कैंसर का जल्दी पता?
50 साल की आयु के बाद पुरुषों को, खासकर अगर परिवार में किसी को प्रोस्टेट कैंसर है, नियमित रूप से प्रोस्टेट कैंसर का चेकअप करवाना जरूरी है। ब्लड टेस्ट या डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन से इसका जल्दी पता लगाया जा सकता है।
प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं?
इसके शुरुआती लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, खासकर रात के समय, यूरिनेशन के शुरुआत या अंत में परेशानी या डिसकंफर्ट महसूस होना, यूरिन की धार बहुत धीमी होना, सीमन या पेशाब में खून आना, पीठ के निचले हिस्से या पेल्विस में दर्द होना शामिल हैं।
शुरुआत में कई लोग इन पर ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन इन लक्षणों को हल्के में लेना काफी भारी पड़ सकता है। इसलिए प्रोस्टेट कैंसर से बचाव के लिए लोगों को जागरूक बनाना भी उतना ही जरूरी है।
भारत में बढ़ते प्रोस्टेट कैंसर के मामले
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के एक डाटा के मुताबिक, भारत में साल 2024 में प्रोस्टेट कैंसर के 34,500 नए मामले सामने आए हैं और यह आंकड़ा धीरे-धीरे बढ़ रहा है। इसके पीछे की वजह है लोगों की बढ़ती आयु और लाइफस्टाइल फैक्टर।
आपको बता दें कि प्रोस्टेट कैंसर का पता अगर शुरुआती स्टेज में ही लगा लिया जाए, तो इसकी इलाज के सफलता की दर काफी बढ़ जाती है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि समय-समय पर स्क्रीनिंग यानी टेस्ट करवाया जाए और पुरुषों में इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाई जाए।