पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को मिली नेशनल ड्यूटी

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चुनाव आयोग ने दी राष्ट्रीय आइकन’ की मान्यता

नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की मौजूदगी में पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय आइकन के रूप में मान्यता दी गई है। गौरतलब है कि चुनाव आयोग हर बार ग्रामीणों और शहरी मतदाताओं के रिझाने और चुनाव में उनके सहयोग के लिए हर साल एक आइकन चुनते हैं।
सचिन तेंदुलकर होंगे नेशनल आइकन
लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। हर साल आयोग की कोशिश रहती है कि ज्यादा से ज्यादा नागरिक चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करे। इसके लिए आयोग ने वोटरों को ज्यादा से ज्यादा रिझाने और प्रोत्साहित करने के लिए इस बार पूर्व क्रिकेटर और भारत रत्न से सम्मानित खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर को नेशनल आइकन के रूप में चुना है।
तीन साल के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
सचिन तेंदुलकर और चुनाव आयोग के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद इस बात की आधिकारिक घोषणा कर दी गई। चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, यह सहयोग आगामी चुनावों, विशेष रूप से 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए युवाओं के बीच तेंदुलकर के अद्वितीय प्रभाव का लाभ उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
मताधिकार का प्रयोग करना प्रमुख जिम्मेदारी
सभा को संबोधित करते हुए तेंदुलकर ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अपने मताधिकार का प्रयोग करना हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है। उन्होंने उपस्थित लोगों को याद दिलाया कि उन्होंने कहा था कि अपनी दूसरी पारी में वह भारत के लिए बल्लेबाजी करना जारी रखेंगे।
शानदार प्रदर्शन करेंगे तेंदुलकर
चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने कहा कि मतदाताओं को बाहर आने और अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए चुनाव आयोग जिस पिच पर खेलता है, वह कठिन है, लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि तेंदुलकर शानदार प्रदर्शन करेंगे।
2019 में 67 प्रतिशत रहा था मतदान
चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों में मतदाता मतदान अधिकतम 67 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए और अधिक प्रयास किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं के लिए मतदान केंद्रों पर सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध कराने के बावजूद, कुछ इलाकों में कम मतदान हुआ है। पोल पैनल ने शहरी और युवाओं की उदासीनता को कुछ शहरों में खराब मतदान के प्रमुख कारणों में से एक माना है।

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