अवधनामा संवाददाता
मुनिश्री ने कहा जीवन में बुरे परिणाम न आए ऐसी कामना करो
ललितपुर। क्षेत्रपाल मंदिर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव सुधासागर महाराज ने कहा जीवन में दुख है ही नहीं, दुख हमने बलाए दुख हमारी जिन्दगी में थे नहीं। दुख के दिन भूलकर सुख के दिन याद करो, वह क्षण देखो जिस कारण तुम्हें सुख मिला। उन्होने कहा व्यक्ति दुखी नहीं दुख का नाटक करता है सब कुछ होने के बाद दूसरे की वस्तु पर आखिर क्यों मचलते हो। जव वह तुम्हारी ही नहीं फिर क्यो मन दुखी करते हो।उन्होने कहा परमात्मा की कृपा से तुम खुश किस्मत हो तुम्हें मनुष्य जन्म मिला। उन प्राणियों को देखो जो वोल नहीं सकते वह अपना दुख किसी से व्यॉ भी नही ंकर सकते।उन्होने कहा किस्मत में कोई दुख आए तो उसे भूलो और विचार करो जिस प्रभु की कृपा से मनुष्य जन्म मिला वह दुख दे ही नहीं सकता। उन्होने कहा जीवन को पवित्र निर्मल बनाओ और कोई बुरे परिणाम न आए ऐसी कामना करो। मुनिश्री ने कहा मंदिर में पहुच कर पापी लोग अपने मन को पवित्र कर लेते हैं आपको यदि मंदिर में जाने के पश्चाताप हो तो मंदिर जाना सफल है। मूलनायक बेदिका पर अभिषेक के उपरान्त शान्तिधारा मुनिश्री सुधासागर महाराज के मुखारविन्द से हुई जिन्होने सायंकाल जिज्ञासा समाधान के उपरान्त भक्तिमय आरती पुण्र्याजक परिवार सहित की। धर्मसभा प्रारम्भ होने के पूर्व आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के चित्र का अनावरण श्रेष्ठीजनों ने किया। सायंकाल क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज धर्मसभा के माध्यम से मोक्षमाग को प्रशस्त कर श्रावको को उपदेश दे रहे है।
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