छोटी-छोटी बातें भूलने क्लीयर न सोच पाना डिसिजन लेने में परेशानी…क्या आपको भी खुद में ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं? अगर हां तो हो सकता है कि आप ब्रेन फॉग (Brain Fog) का शिकार हो गए हों। यह कोई बीमारी नहीं है लेकिन एक ऐसी दिमागी कंडिशन है जो आपके रोजमर्रा के कामों को प्रभावित कर सकती है। आइए जानें इसके लक्षण (Brain Fog Symptoms) और बचाव के तरीके।
हमारी लाइफस्टाइल इतनी बिजी हो चुकी है कि हमारे पास खुद के लिए भी समय निकालने का वक्त नहीं है। इसके कारण दिमाग को रेस्ट नहीं मिल पाता है और ब्रेन फॉग (Brain Fog) जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। आइए जानते हैं ब्रेन फॉग होता क्या है (Brain Fog Symptoms) और इससे कैसे बचा (Brain Fog Prevention Tips) जा सकता है।
ब्रेन फॉग क्या होता है? (What is Brain Fog?)
ब्रेन फॉग (Brain Fog) कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक कंडिशन है, जिसमें व्यक्ति को सोचने, समझने, याद रखने और किसी चीज पर ध्यान फोकस करने में दिक्कत होती है। यह समस्या मानसिक थकान, स्ट्रेस, खराब लाइफस्टाइल या कुछ बीमारियों के कारण हो सकती है। ब्रेन फॉग होने पर व्यक्ति को रोजमर्रा के काम करने में भी असुविधा महसूस होती है।
ब्रेन फॉग के लक्षण (Brain Fog Symptoms)
ब्रेन फॉग के लक्षण व्यक्ति-व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण ऐसे होते हैं-
याददाश्त कमजोर होना- छोटी-छोटी बातें भूल जाना, जैसे चाबी रखकर भूल जाना या किसी का नाम याद न आना।
फोकस की कमी- किसी भी काम पर फोकस न कर पाना, बार-बार ध्यान भटकना।
मानसिक थकान- दिमागी रूप से सुस्त महसूस करना, हर समय आलस आना।
क्लीयर सोचने में दिक्कत- विचारों का क्लीयर न होना, फैसले लेने में परेशानी होना।
भाषा से जुड़ी समस्याएं- शब्द याद न आना या बोलते समय जटिलता महसूस होना।
मूड स्विंग्स- चिड़चिड़ापन, स्ट्रेस या उदासी महसूस करना।
ब्रेन फॉग के कारण (Brain Fog Causes)
ब्रेन फॉग कई कारणों से हो सकता है, जैसे-
स्ट्रेस और एंग्जायटी- लंबे समय तक स्ट्रेस में रहने से कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जो दिमाग की काम करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
नींद की कमी- पूरी नींद न लेने से दिमाग को आराम नहीं मिलता, जिससे ब्रेन फॉग हो सकता है।
खराब डाइट- विटामिन-बी12, विटामिन-डी, ओमेगा-3 और आयरन की कमी से दिमागी कमजोरी होती है।
डिहाइड्रेशन- पानी की कमी से दिमाग सुस्त हो जाता है।
हार्मोनल असंतुलन- थायरॉइड या मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव से ब्रेन फॉग हो सकता है।
कुछ दवाएं- एंटीडिप्रेसेंट्स या ब्लड प्रेशर की दवाओं के साइड इफेक्ट से भी यह समस्या हो सकती है।
क्रोनिक बीमारियां- डायबिटीज, फाइब्रोमायल्जिया या ऑटोइम्यून डिसऑर्डर भी ब्रेन फॉग का कारण बन सकते हैं।
ब्रेन फॉग से बचने के उपाय (Brain Fog Prevention Tips)
हेल्दी डाइट लें
ओमेगा-3 फैटी एसिड (मछली, अखरोट, फ्लैक्ससीड) दिमाग के लिए फायदेमंद होता है।
एंटीऑक्सीडेंट्स (ब्लूबेरी, डार्क चॉकलेट, हरी पत्तेदार सब्जियां) दिमागी सेहत को बेहतर बनाते हैं।
प्रोटीन और हेल्दी फैट्स (अंडे, नट्स, एवोकाडो) लें।
शुगर और प्रोसेस्ड फूड से बचें, क्योंकि ये दिमाग को नुकसान पहुंचाते हैं।
पूरी नींद लें
रोजाना 7-8 घंटे की गहरी नींद लें।
सोने से पहले मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल कम करें।
स्ट्रेस कम करें
मेडिटेशन और योग करने से मन शांत रहता है।
गहरी सांस लेने के एक्सरसाइज (डीप ब्रीदिंग) से स्ट्रेस कम होता है।
फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं
रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज या वॉक करने से दिमाग तेज होता है।
हाइड्रेटेड रहें
दिनभर में 8-10 गिलास पानी पिएं।
दिमागी एक्सरसाइज करें
पजल्स सॉल्व करना, नई भाषा सीखना या पढ़ने की आदत डालने से दिमाग तेज होता है।
डॉक्टर से सलाह लें
यदि ब्रेन फॉग लंबे समय तक बना रहे, तो डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है।