वन विभाग के राजस्व को भी चुना लगाने में पीछे नही है फॉरेस्टर सचिन कुमार

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अवधनामा संवाददाता

नाम तो सुना होगा फॉरेस्टर सचिन नाम है मेरा, काम ही मेरा नाम है 
श्रवण चौहान
बाराबंकी(Barabanki) का वन विभाग वैसे भी सुर्खियों में रहा करता है इसके पीछे की वजह यही है कि वन विभाग अजीबोगरीब कार्य शैली करते हुए मोटी रकम कमाया करता है। आपको बता दे  की  वन विभाग बाराबंकी में तैनात एक फॉरेस्टर जिसका नाम सचिन कुमार बताया जाता है जो वन विभाग को भी राजस्व का चुना लगाने में पीछे नहीं है। सचिन कुमार की कार्यशैली से हर वन विभाग का अधिकारी वाकिब है आज हम एक ऐसा मामला बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर बाराबंकी के प्रभागीय निदेशक , समाजिक वानिकी वन विभाग बाराबंकी नरेंद्र कुमार सिंह अगर कार्यवाही नहीं करते हैं तो आप समझ लीजिए कि नरेंद्र कुमार सिंह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में अपना योगदान दे रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पूरा मामला बाराबंकी जनपद के हरख रेंज के रहने वाले इरफान का है  जो मूल निवासी बरौली के हैं इनके द्वारा  हरख रेंज के बाबूरिहा  गांव में एक जामुन का पेड़ कटवाया गया। लेकिन वन विभाग में तैनात सचिन कुमार मौके पर पहुंच गए और पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद होने लगा इसी दौरान सचिन कुमार ने कानून को हाथ में लेते हुए वहां के मजदूरों को मारा पीटा भी ,इसके बाद पेड़ काट रहे इरफान से मोटी रकम की मांग करने लगे जब वह धनराशि देने में आनाकानी करने लगा तो उसके ट्रैक्टर ट्राली को हरक रेंज के ऑफिस ले जाकर खड़ा कर दिया उसके बाद ट्रैक्टर-ट्राली को भी पंचर कर दिया। जब इरफान मौके पर पहुंचे तो उनसे जुर्माना करने के नाम पर ₹25000 लिया गया और बोला गया कि रसीद जल्दी दे देंगे। लेकिन आज करीब 1 सप्ताह हो रहा है अभी तक रसीद नहीं दी गई है और राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। इससे एक बात साफ है कि  राजस्व जो  ₹25000  विभाग को मिलना था वह खुद रख कर सचिन कुमार फॉरेस्टर अपनी जेब गर्म कर लिया है अब देखना यही है कि इस पर बाराबंकी के जिम्मेदार अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं।
कौन है फॉरेस्टर सचिन कुमार जाने:-
आपको बता दें कि सचिन कुमार एक फॉरेस्टर है जो बाराबंकी के हरख रेंज में तैनात है इनके पिता का नाम राजेंद्र प्रसाद सिंह है जो पहले वन विभाग में तैनात थे राजेंद्र प्रसाद की आकस्मिक मृत्यु हो जाने के चलते उनकी नौकरी  सचिन कुमार को मिल गई ,विभाग के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इन्होंने वन विभाग में 21 अक्टूबर 2016 को जोइनिंग था तब से यही बाराबंकी में  तैनात है। इनके और भी कारनामे है जो किसी से छुपी नहीं है जो जल्द ही भाग 2 में प्रकाशित किए जाएंगे।
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