इस वजह से सरफराज खान को टीम में नहीं लिया गया, जान कर हैरान रह जाएंगे आप

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नई दिल्ली। रणजी शतक पूरा करने के बाद एग्रेसिव जश्न मनाने के कारण सरफराज खान को टीम इंडिया में नहीं चुना गया। वो कहते हैं ना कि अगर किसी का काम ना खराब कर सको, तो नाम खराब कर दो। जमाने का भरोसा उस खिलाड़ी से अपने आप उठ जाएगा। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 80 की एवरेज रखने वाले सरफराज की जगह 42 की एवरेज रखने वाले ऋतुराज गायकवाड़ के सिलेक्शन को लेकर यही वजह सामने आई है। इस साल दिल्ली के खिलाफ रणजी मैच में शतक लगाने के बाद सरफराज का आक्रामक तरीके से जश्न मनाना चयनकर्ताओं को नागवार गुजरा। उस समय चयन समिति के तत्कालीन प्रमुख चेतन शर्मा स्टेडियम में मौजूद थे। कहा जा रहा है कि सरफराज ने सेंचुरी पूरी करने के बाद उनकी तरफ देखकर आक्रामक तरीके से जश्न मनाया था। जबकि ऐसा कुछ नहीं था। जश्न आक्रामक जरूर था, लेकिन सरफराज ने चेतन शर्मा की तरफ कोई इशारा नहीं किया था। इसी जश्न की वजह से चयनकर्ता सरफराज से नाराज हो गए और उन्हें कभी इंडियन टीम में ना चुनने की कसम खा ली।

चेतन शर्मा भारत के सबसे विवादित चयनकर्ताओं में से एक रहे। उनकी वजह से ही विराट कोहली जैसे खिलाड़ी को अपनी कप्तानी गंवानी पड़ी। कहा जाता है कि विराट कोहली के आक्रामक रवैये से भी चेतन शर्मा को आपत्ति थी। वह मीडिया इंटरव्यू में दावा कर रहे थे कि आजकल खिलाड़ी 80% फिटनेस के साथ भी इंडियन टीम के लिए खेल रहे हैं। इस कारण अंत में चेतन शर्मा को चयनकर्ता के पद से बर्खास्त कर दिया गया। ऐसी आदमी का इगो हर्ट करने के लिए सरफराज खान जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी को टीम इंडिया से बाहर रखना शर्मनाक है। रणजी ट्रॉफी के पिछले सीजन यानी 2021-22 की बात करें, तो सरफराज ने 6 मैच में 123 की औसत से 982 रन बनाए थे। 2 अर्धशतक और 4 शतक लगाए थे। वहीं सरफराज ने 2019-20 में 6 मैच में 155 की औसत से 926 रन बना डाले थे। तब उन्होंने 2 अर्धशतक शतक और 3 शतक जड़े थे।

रणजी ट्रॉफी 2023 की 9 पारियों में सरफराज खान ने 92.66 की औसत से 556 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 3 दफा 100 का आंकड़ा पार किया। सरफराज खान ने शतक जड़ने के बाद इशारा तो इस साल किया था, इसके पहले 2 साल उन्हें ना चुनने की वजह नहीं बताई जा रही है? जहां तक फिटनेस की बात रही, तो सरफराज खान ने यो-यो टेस्ट पास कर लिया है। हकीकत तो यह है कि BCCI और चयनकर्ताओं की वजह से सरफराज खान का भविष्य बर्बाद होने की कगार पर है। इसी को देखते हुए सुनील गावस्कर ने कहा है कि अगर चयनकर्ता उससे बात नहीं करते, तो सरफराज खान को रणजी ट्रॉफी खेलना बंद कर देना चाहिए। अबतक सरफराज ने 37 फर्स्ट क्लास मैच में 3505 रन बनाए हैं, जिसमें उनके नाम 13 शतक और 9 अर्धशतक हैं। एवरेज के मामले में एक वक्त सरफराज डॉन ब्रैडमैन से भी आगे निकल गए थे। फिलहाल वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ब्रैडमैन के बाद दूसरे सबसे ज्यादा एवरेज रखने वाले खिलाड़ी हैं।

फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सरफराज का औसत 80 का है। हिंदुस्तान में ज्यादातर खिलाड़ी व्हाइट बॉल क्रिकेट खेलकर IPL में पैसा पीटना चाहते हैं। उस दौर में अगर कोई खिलाड़ी रेड बॉल क्रिकेट में अच्छा कर रहा है, तो उसका उत्साह बढ़ाया जाना चाहिए। पर सरफराज के साथ उल्टा हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि चाहे वह कुछ भी कर ले, पर उसे भारतीय टेस्ट टीम में जगह किसी भी हालत में नहीं दी जाएगी। भले टेस्ट क्रिकेट में भारत का प्रदर्शन कितना भी खराब हो जाए, रणजी ट्रॉफी में परफॉर्म करने वाले खिलाड़ी इंडियन टीम की जर्सी में नजर नहीं आएंगे। लगातार 2 बार WTC फाइनल हारने के बाद भी बोर्ड सबक सीखने के लिए तैयार नहीं है। अगर निजी खुन्नस के नाम पर सरफराज को इसी तरह नीचा दिखाया जाएगा, तो हिंदुस्तान कभी भी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल नहीं जीत पाएगा।

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