कुछ देशों के लिए तेल, ख़ून से ज़्यादा मूल्यवान हैः सैयद हसन नसरुल्लाह

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लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन के महासचिव ने कहा है कि यमनी बलों की जवाबी कार्यवाही पर कुछ देशों की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि उनके लिए ख़ून के मुक़ाबले में तेल अधिक मूल्यवान है।

सैयद हसन नसरुल्लाह ने शुक्रवार की रात हिज़्बुल्लाह की नेतृत्व परिषद के एक संस्थापक शैख़ हसन कूरानी के निधन के बाद आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि यमनी बलों द्वारा सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों पर किए गए जवाबी हमलों की निंदा में कुछ देशों व संगठनों की नीति आलोचना योग्य है और इन हमलों की आलोचना ने यह दिखा दिया है कि तेल का मूल्य ख़ून से अधिक है।

उन्होंने कहा कि लेबनान में हिज़्बुल्लाह के गठन का श्रेय कुछ धर्मगुरुओं और संघर्षकर्ताओं को जाता है जिनमें से एक शैख़ कूरानी थे। सैयद हसन नसरुल्लाह ने इस बात पर बल देते हुए कि लेबनान का इस्लामी प्रतिरोध, इस्राईल की हर प्रकार की धमकी का जवाब देने की नीति पर कटिबद्ध है, कहा कि ज़ायोनी शासन के ड्रोन विमानों से मुक़ाबले के फ़ैसले के कारण अब इन चालक रहित विमानों द्वारा लेबनान की वायु सीमा का उल्लंघन कम हो गया है।

लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन के महासचिव ने कहा कि ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री नेतनयाहू ने संसदीय चुनाव में जीतने के लिए हर संभव कोशिश की लेकिन अमरीका के समर्थन के बावजूद वे हार गए। उन्होंने कहा कि इस चुनाव का परिणाम हिज़्बुल्लाह के लिए अहम नहीं है क्योंकि ज़ायोनियों की सभी राजनैतिक पार्टियों व गठजोड़ों की नीति, फ़िलिस्तीनियों व अरबों के ख़िलाफ़ है।

सैयद हसन नसरुल्लाह ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब इमारात को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने समीकरणों और ईरान के साथ युद्ध पर पुनर्विचार करें क्योंकि ये युद्ध उन्हें तबाह कर देगा और जब उनके प्रतिष्ठानों पर केवल एक ड्रोन हमले का यह परिणाम है तो दूसरे हमलों का नतीजा क्या होगा?

लेबनान के हिज़्बुल्लाह संगठन के महासचिव ने कहा कि हम यमन में सऊदी गठबंधन के हमलों में बहाए जाने वाले लोगों के ख़ून, महिलाओं व बच्चों की लाशों, बीमारों और पूरे यमनी राष्ट्र से जो, भूख और दरिद्रता में ग्रस्त कर दिया गया है, समरसता की घोषणा करते हैं। उन्होंने कहा कि जो कुछ आरामको के तेल प्रतिष्ठान में हुआ, उससे पता चल गया कि कुछ लोगों के लिए ख़ून व मानवीय प्रतिष्ठा का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने कुछ देशों व संगठनों की आलोचना करते हुए कहा कि जब सऊदी अरब, यमन में लोगों और महिलाओं व बच्चों पर इस प्रकार के हमले करता है तो वे उन हमलों की निंदा क्यों नहीं करते?

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