10 जुलाई को होगा मीडिया उम्मीदवारों के लिए पहला ग्लोबल मीडिया कॉमन एंट्रेंस टेस्ट

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दक्षिण एशिया के 30+ विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए जीएससीईटी (GMCET) द्वारा सरल प्रवेश परीक्षा मीडिया के छात्रों के लिए पहला ‘कॉमन एंट्रेंस टेस्ट’, सभी कॉलेजों का फॉर्म भरने से मिलेगी राहत

 दिल्ली  आगामी जीएमसीईटी 2022, जोकि मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के उम्मीदवारों के लिए दक्षिण एशिया का पहला क्षेत्रीय स्तर ‘कॉमन एंट्रेंस टेस्ट’ है, इस टेस्ट में बैठने वाले उम्मीदवारों के लिए 30+ विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन के रास्ते खुल जाते हैं। इसी के साथ उम्मीदवार अपना परिणाम दिखाकर ‘ग्रैजुएश्न लेवल’ के उच्चतम् जनसंचार और मीडिया से संबंधित कोर्सों में प्रवेश ले सकते हैं। जीएमसीईटी 2022, ‘अंडरग्रेजुएट मीडिया’ उम्मीदवारों के लिए आवेदन जारी है, जोकि 10 जुलाई 2022 को होगा।

जीएमसीईटी, छात्रों को अधिकतम अवसर देने के लिए चरणों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें अगली परीक्षा 24 जुलाई, 7 अगस्त, 21 अगस्त, 4 सितंबर, 18 सितंबर आदि की तारीखों के लिए निर्धारित की गई है।

इन पाठ्यक्रमों में बीए-जेएमसी और बीजेएमसी, बीएमएस (‘बैचलर ऑफ मीडिया स्टडीज’), बीएमसी (‘बैचलर ऑफ मास कम्युनिकेशन’), बीएमएम (‘बैचलर ऑफ मास मीडिया’), बीए (‘मीडिया एंड कम्युनिकेशन’), बीएससी (‘एनिमेशन एंड ग्राफिक्स’) और बीएससी (‘मीडिया टेक्नोलॉजी’) डिग्री प्रोग्राम शामिल हैं।

कुछ सहयोगी विश्वविद्यालयों में शारदा यूनिवर्सिटी, एलायंस यूनिवर्सिटी, नेशनल स्कूल ऑफ जर्नलिज्म, नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, ऑरो यूनिवर्सिटी, प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी, जीआईटीएएम यूनिवर्सिटी, एलएनसीटी यूनिवर्सिटी, अजिंक्य डी.वाई. पाटिल यूनिवर्सिटी, मोदी यूनिवर्सिटी, जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी, एनएसएचएम नॉलेज कैंपस, सेंचुरियन यूनिवर्सिटी, विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी, इनवर्टिस यूनिवर्सिटी, बहरा यूनिवर्सिटी और भारत में कई अन्य और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय शामिल हैं।

जीएससीईटी 2022 के लिए रजिस्ट्रेशन 5000+ होने की उम्मीद

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, 2020 में पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातक स्तर पर नामांकन 29,758 था – जो डिजाइन, फैशन टेक्नॉलॉजी और भाषा विज्ञान जैसे विषयों में नामांकन से अधिक है। उच्च शिक्षा पर 2019-2020 अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) यह दर्शाता है कि ग्रैजुएश्न स्तर पर छात्रों की सबसे अधिक संख्या 32.7%, ‘आर्टस्’ / ‘ह्यूमैनिटी’ / ‘सोशल साइंस’ में नामांकित है, इसके बाद 16%, विज्ञान, 14.9% वाणिज्य में और 12.6%, इंजीनियरिंग और टेक्नॉलॉजी में है। यह आंकड़े भारत में मीडिया और कम्युनिकेशन कोर्स की व्यापक लोकप्रियता को दर्शाते हैं।

इस इंडस्ट्री से जुड़े रोमांच और गौरव के कारण, 12वीं कक्षा के बाद यह छात्रों के लिए एक स्मार्ट करियर विकल्प बन गया है। हालांकि, छात्र अक्सर इस असमंजस में रहते हैं कि पत्रकारिता और ‘मास मीडिया कम्युनिकेशन’ के लिए कौन सा विश्वविद्यालय का चयन करना उनके लिए ठीक रहेगा। इसी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए, जीएससीईटी ( ‘ग्लोबल मीडिया कॉमन एंट्रेंस एग्जाम’ ) छात्रों को एक ऐसा अंक प्रदान करता है जिसे भारत के कई विश्वविद्यालय स्वीकार कर एडमिशन के समय उन छात्रों को  प्राथमिकता देते हैं।

जीएससीईटी छात्रों को उनके ‘कम्युनिकेशन स्किल्स’,  आवश्यक ‘एनालिटिक्स’ और ‘लॉजिकल रीजनिंग’ पर मूल्यांकन करता है। यह कुल 100 अंकों का पेपर होता है, जिसमें दिए गए विषयों में से हर एक विषय से 25 अंक का प्रश्न पूछा जाता है। इन विषयों में अंग्रेजी भाषा और आईक्यू, समाचार और ‘करेंट अफेयर्स’ से सामान्य ज्ञान, मनोरंजन मीडिया ज्ञान और ब्रांड और बुनियादी ब्रांड संचार ज्ञान शामिल है। परीक्षा ऑनलाइन मोड से आयोजित की जाती है और उम्मीदवार अपने घर से भी इस परीक्षा को दे सकता है।

जीएमसीईटी परीक्षा देने के लिए एक उम्मीदवार का उच्च माध्यमिक (10 + 2) पास होना जरुरी है। इसी के साथ ही उम्मीदवार अगर सामान्य श्रेणी से है, तब उसके न्यूनतम 50% और अगर एससी / एसटी / ओबीसी कैटेगरी से है तब उसके न्यूनतम 45% अंक होने अनिवार्य है। इससे कम अंक प्राप्त उम्मीदवारों को जीएमसीईटी परीक्षा नहीं दे सकते हैं।

मीडिया इंडस्ट्री के विश्वाविद्यालयों में प्रवेश लेने के इच्छुक उम्मीदवारों का मूल्यांकन करने के लिए जीएमसीईटी, ‘ग्लोबल मीडिया एजुकेशन काउंसिल’ की एक अनूठी पहल है। यह परीक्षा दक्षिण एशिया के सबसे बड़े शिक्षा केंद्रित मंच ‘एडइनबॉक्स’ द्वारा संचालित की जाती है। जीएमसीईटी वास्तव में मीडिया और कम्युनिकेशन क्षेत्र में एकमात्र बड़े पैमाने की प्रवेश परीक्षा है, जिसमें कई विश्वविद्यालयों ने इसकी सदस्यता ली हुई है।

प्रो. उज्ज्वल के चौधरी, सचिव, जीएमईसी और जीएमसीईटी ने कहा, “हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि जीएमसीईटी पूरे भारत में तीस से अधिक विश्वविद्यालयों के लिए एकल प्रवेश परीक्षा है। भारत ‘बड्डिंग कम्युनिकेटर’ का केंद्र है। केवल एक परीक्षा पास करने से आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के लिए योग्य हो सकते हैं। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब आपको हर विश्वविद्यालय के लिए अलग-अलग फॉर्म भरने की जरूरत नहीं है, अगर आप मास कम्युनिकेशन कोर्स करना चाहते हैं।”

यूजीसी-अनुमोदित विश्वविद्यालय से पत्रकारिता और जनसंचार में डिग्री हासिल करना भविष्य के लिए कई अवसरों को खोल सकती है- पत्रकार, ‘कॉलमनिस्ट’ या रिपोर्टर, फोटो जर्नलिस्ट, ‘इलस्ट्रेटर’, जनसंपर्क अधिकारी, फीचर लेखक, टीवी संवाददाता, कंटेंट निर्माता, वीडियो जॉकी, रेडियो जॉकी, समाचार विश्लेषक और विज्ञापन पेशेवर। ग्रैजुएश्न हासिल कर उम्मीदवार टीवी प्रोड्कशन या निर्देशन, फिल्म निर्माण, मार्केटिंग संचार, कॉपी और स्क्रिप्ट लेखन और इवेंट मैनेजमेंट और मीडिया प्लानिंग जैसे क्षेत्रों में भी अपना एक सफल करियर तलाश कर सकते हैं।

विवेकानंद ग्लोबल विश्वविद्यालय के सीईओ, ओंकार बगारिआ ने कहा , ”  ‘ग्लोबल मीडिया एजुकेशन काउंसिल’ की ओर से यह एक अनूठी पहल है, जो छात्रों के लिए एक स्मार्ट करियर विकल्प के रूप में उभरकर सामने आया  है। हम इस प्रयास का समर्थन करते हैं और ऐसा विश्वास करते हैं, की छात्र इसमें बढ़ चढ़  कर हिस्सा  ले , और  छात्रों को मेरी शुभकामनाएं  | ”

आवेदन करने की आखिरी तारीख 9 जुलाई है और परीक्षा की तारीख 10 जुलाई है। आवेदन शुल्क रुपये  1000/- है। आवेदन पत्र और अधिक जानकारी के लिए https://gmcet.org/ पर जा सकते हैं।

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