करनैलगंज,गोंडा (अब्दुल्ला आबिद)। मंगलवार को माहे-ए-रमजान का पहला अशरा पूरा हो गया। मगरिब तक दस रोजे पूरे होने पर नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र की सभी मस्जिदों में रोजेदारों ने तरावीह की नमाज अदा की और अल्लाह से अपने गुनाहों की तौबा की।
करनैलगंज क्षेत्र के मोहल्ला गांधी नगर स्थित हाजी बंधू मस्जिद में तरावीह की नमाज हाफिज मोहम्मद सिराज, लारी रोड स्थित मदरसा इस्लामिया खादिमुल उलूम में मुफ़्ती परवेज अख्तर, मस्जिद मनिहारान यतीम खाना में कारी रियासत ने पढ़ाई। वहीं नगर के प्रसिद्ध व प्राचीन मदरसा ख़ादिमुल उलूम की मस्जिद में तरावीह में क़ुराने पाक मुकम्मल होने पर जश्ने क़ुरान का आयोजन हुआ जिसकी शुरुआत अशफाक अहमद लारी, वसीम अहमद, आरिफ अंसारी बब्लू, नसीरुद्दीन अंसारी, अक़ील कुरैशी व परवेज़ सिद्दीकी ने क़ुरान सुनाने वाले मुफ़्ती परवेज़ अख्तर पर शाल व फूलों की माला डालकर की इस मौके पर मुफ़्ती परवेज कासमी, इमामें ईदैन शमीम अहमद व मौलाना अकील कुरैशी ने रोज़ा नमाज़ व तरावीह पर रोशनी डालते हुए आपसी रंजिश को दूर करने की अपील की। अंत में दुनिया में अमन व चैन के लिए दुआ की गई। इस दौरान हाजी हारुन, मौलाना रिज़वालनुल्लाह, हाफ़िज़ उबैदुल्लाह, मुजीब अहमद सिद्दीकी, मुबस्सिर शीबू, मुनज्जिर, नूरूल हुदा, अबरार अहमद एडवोकेट, डॉ० हबीबुल्लाह व तमाम लोग मौज़ूद रहे।
मुस्लिम धर्मगुरु शोएब बकाई ने बताया कि रमजान को तीन हिस्सों में बांटा गया है। जिसमें पहला हिस्सा रहमत, दूसरा मगफिरत व तीसरा जहन्नुम से निजात का होता है। पहला अशरा समाप्त हो गया है। बुधवार से दूसरा अशरा शुरू हो गया है। जिसमें अल्लाह अपने बंदों की मगफिरत करता है। उन्होंने बताया कि मुसलमान को रोजा रखने के साथ तिलावत-ए-कलाम पाक और तरावीह की नमाज भी पाबंदी के साथ मुकम्मल करनी चाहिए।