अवधनामा संवाददाता
पीएम स्वनिधि योजना में आवेदन लटकाने वाले बैंकों को दिया निगम ने नोटिस
सहारनपुर। शहर के चार निजी बैंकों ने यदि तीन दिन के भीतर करीब डेढ़ वर्ष से ऋण के लिए पेंडिंग पडे़ वेंडरों के आवेदनों पर ऋण स्वीकृत कर उन्हें ऋण उपलब्ध नहीं कराया या इसका स्पष्टीकरण नहीं दिया तो उनके खिलाफ सरकारी कार्याे में बाधा डालने के आरोप में एफआईआर दर्ज करायी जायेगी। चार बैंकों को उपनगरायुक्त की ओर से इस सम्बंध में नोटिस दिया गया है।
नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह के निर्देश पर बुधवार को अपर नगरायुक्त राजेश यादव और उप नगरायुक्त दिनेश यादव बंधन बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महेन्द्रा बैंक और उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक पहुंचे और उन्हें जान बूझकर पीएम स्वनिधि योजना में ऋण सम्बंधी आवेदनों को लटकाये रखने पर जबरदस्त फटकार लगायी। अपर नगरायुक्त राजेश यादव ने बताया कि उक्त प्रत्येक बैंक में पीएम स्वनिधि योजना के तहत वेंडरों द्वारा ऋण के 10-15 आवेदन पिछले करीब डेढ़ वर्ष से पेंडिंग पडे़ है, उनका ऋण स्वीकृत कर न तो उन्हें ऋण आहरित कराया गया है और न उन्हंे रोक कर रखने का कारण बताया गया है। उन्होंने बताया कि उक्त बैंकों को उपनगरायुक्त की ओर से तीन दिन का नोटिस देते हुए कहा गया है कि या तो वे तीन दिन के भीतर पेंडिंग आवेदनों को स्वीकृत कर उन्हें ऋण आहरित कराकर सूचना दे या ऋण स्वीकृत न किये जाने का कारण बताएं। अन्यथा उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में एफआईआर करायी जायेगी।
उपनगरायुक्त दिनेश यादव ने बताया कि इन बैंकों के अलावा इंडियन ओवरसीज बैंक में भी ऋण सम्बंधी दस हजार के 17 और बीस हजार के चार मामले स्वीकृत व आहरण हेतु पंेडिंग है। इस सम्बंध में इंडियन ओवरसीज बैंक को भी नोटिस दिया गया है। उन्होंने बताया कि इन बैंकों द्वारा वेंडरों को डिजीटल लेन देन के लिए क्यूआर कोड जारी कर यूपीआईडी आवंटित की जाती है। लेकिन सभी बैंको में सैकड़ों वेंडरों की यूपीआईडी आवंटित ही नहीं की गयी है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त बैंक ऑफ बड़ौदा में लगभग 1500,एसबीआई में लगभग 1700 और पीएनबी में करीब एक हजार यूपीआईडी इन एक्टिव पायी गयी है। इन बैंकों को भी वेंडरों की यूपीआईडी एक्टिव करने के लिए एक सप्ताह का समय देते हुए नोटिस दिया गया है।
इससे पूर्व नगरायुक्त ने सभी अधिकारियों के साथ पीएम स्वनिधि योजना की समीक्षा करते हुए बताया कि सरकार का लक्ष्य पटरी दुकानदारों (वेंडरों) को दस हजार/बीस हजार का ऋण दिलाकर उनका आर्थिक स्तर ऊंचा उठाने और उन्हंे आत्मनिर्भर बनाना है। इन वंेडरों को प्राप्त ऋण पर ब्याज न देना पडे़ इसके लिए उन्हें डिजीटल लेन देन से जोड़ना भी है। उन्होंने बताया कि वेंडरों को दिये जाने वाले ऋण पर अब सरकार ने सब्सिडी बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दी है। उन्होंने बताया कि जितने वेंडरों ने ऋण के लिए आवेदन किया है उन सबका ऋण स्वीकृत कराकर उन्हें ऋण उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने समयबद्ध कार्यक्रम तय किया है।