जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने प्रशासन पर तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी और कोषाधिकारी रामेन्द्र कुमार शर्मा के बचाव के आरोप दोहराए
वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में तीन करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि के गबन और बड़े घोटाले के मामले में पुलिस ने पांच कार्मिकों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। अधिकारी गबन और घोटाले के जिम्मेदार तत्कालीन कोषाधिकारी और वित्त एवं लेखाधिकारी रामेंद्र शर्मा को बचाने में लगे हुए हैं। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने रामेंद्र शर्मा को जांच समिति से बाहर करते हुए उच्च स्तरीय जांच और सभी दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अब्दुल रसीद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयराम कनौजिया और महामंत्री रमाकांत मौर्य ने बताया कि जिला प्रशासन निष्पक्ष जांच के बजाय मुजरिम को मुंसिफ बनाकर वित्त एवं लेखाधिकारी रामेंद्र शर्मा के बचाव में लगा हुआ है, जब तक रामेंद्र शर्मा जांच कमेटी में रहेंगे , निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।
सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी किशन गुप्ता ने पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। इनमें लेखालिपिक मनोज मालवीय, ब्लॉक क्वालिटी कोऑडिनेटर अभिषेक सिंह, ब्लॉक एमआईएस कोऑडिनेटर शिवम कुमार पांडेय, गौरीगंज के प्राथमिक स्कूल गुडूर के शिक्षक शैलेश चंद्र शुक्ल और जगदीशपुर के बेंचूगढ़ स्कूल के शिक्षक श्रवण कुमार द्विवेदी शामिल हैं।
मामला जनवरी में तब सामने आया जब लेखा लिपिक मनोज मालवीय बिना सूचना के लगातार अनुपस्थित रहे।
दस्तावेजों की जांच में शासकीय धन के दुरुपयोग का मामला प्रकाश में आया। इसके बाद डीएम निशा अनंत के निर्देश पर एक विशेष जांच टीम का गठन लेखा लिपिक समेत 5 लोगों ने फर्जी दस्तावेजों से किया 3.13 करोड़ का गबन, मुकदमा दर्ज घोटाला किया गया। जांच में पाया गया कि आरोपियों ने कूटरचित दस्तावेजों के जरिए अलग-अलग बैंक खातों में रकम ट्रांसफर की। शिवम के खाते में 1.34 करोड़, अभिषेक के खाते में 54.26 लाख, श्रवण कुमार के खाते में 77.06 लाख और शैलेश चंद्र के खाते में 47.42 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए। एएसपी हरेंद्र कुमार के अनुसार मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए संभावित स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। पुलिस जल्द ही पूरे मामले का खुलासा कर कार्रवाई करेगी।
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