कुष्ठ रोगियों के साथ टीबी, कालाजार और फाइलेरिया के रोगियों को ढूंढें आशा

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अवधनामा संवाददाता

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कप्तानगंज पर संवेदीकरण के कार्यशाला का हुआ आयोजन

कप्तानगंज, कुशीनगर। जिले में कुष्ठ रोग, टीबी, कालाजार और फाइलेरिया के प्रति जन समुदाय को जागरूक करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कप्तानगंज पर आशा कार्यकर्ताओं के संवेदीकरण के लिए गुरूवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कुष्ठ, टीबी, कालाजार तथा फाइलेरिया के लक्षणों के बारे में विस्तार से बताया गया।

कार्यशाला को सम्बोधित करते सीएचसी के अधीक्षक डाॅ. रितेश कुमार सिंह ने कहा कि आशा कार्यकर्ता सक्रिय कुष्ठ रोगियों को खोजने तथा नियमित निगरानी के साथ-साथ टीबी, कालाजार और फाइलेरिया के लक्षण वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर जांच के लिए नजदीक के सरकारी अस्पताल पर भेजें। टीबी, कुष्ठ, कालाजार और फाइलेरिया के रोगियों के भी जांच और इलाज का प्रावधान है। ऐसे में आशा कार्यकर्ता समुदाय के बीच जाकर इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की नियमित निगरानी के साथ बचाव के लिए भी जागरूक करें। जिला कुष्ठ परामर्शदाता डाॅ. विनोद कुमार मिश्रा ने कहा कि कुष्ठ रोग के प्रति आज भी समाज में कई तरह की भ्रांतियाँ हैं। जिसे समुदाय के बीच जाकर मिटाया जा सकता है। भ्रमण के दौरान लोगों को बताया जाए कि कुष्ठ रोग एक साधारण बीमारी है जिसे समय से जांच और इलाज शुरू करके ठीक किया जा सकता है। कुष्ठ रोगियों को जहां सरकार द्वारा एमसीआर चप्पल, सेल्फ केयर किट, पेंशन, आवास और सर्जरी की सुविधा दी जाती है। वहीं कालाजार के मरीजों को इलाज के साथ मच्छरदानी व अन्य सुविधाएं दी जाती हैं।टीबी रोगियों को इलाज के साथ निक्षय पोषण योजना का लाभ भी दिया जाता है। इसके तहत इलाज चलने की अवधि तक प्रति माह 500 रुपये पोषण के लिए दिए जाते हैं। नया कुष्ठ रोगी खोजने वाली आशा कार्यकर्ता को प्रति रोगी 250 रुपये पारिश्रमिक दिया जाता है। पैसिव वैसीलरी ( पीवी) कुष्ठ रोगी को दवा खिलाने पर 400 रुपये तथा मल्टी वैसीलरी (एमवी) कुष्ठ रोगी को बारह माह दवा खिलाने पर 600 रुपये दिए जाते हैं।

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