अवधनामा संवाददाता
प्रयागराज। सैम हिग्गिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) में नैनी एग्रीकल्चरल इंस्टीट्यूट के हार्टीकल्चर विभाग तथा खाद्य प्रसंस्करण व संरक्षण केन्द्र, उ.प्र. शासन, प्रयागराज के संयुक्त प्रयास से चल रहे बागवानी फसलों के प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन में ज्ञान और कौशल के उन्नयन पर पंद्रह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ।
हार्टीकल्चर विभाग के प्रोफेसर वी.एम प्रसाद ने उद्घाटन प्रार्थना किया व अतिथियों का स्वागत किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय, आचार्य नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या एवं शुआट्स के 56 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण ग्रहण किया। समारोह की अध्यक्षता प्रति कुलपति प्रो. (डॉ.) सर्वजीत हर्बर्ट ने मुख्य अतिथि के रूप में की जबकि प्रो. (डॉ.) आरिफ ए ब्रॉडवे, निदेशक प्रसार, प्रो. (डॉ.) शैलेश मार्कर, निदेशक शोध, डॉ. बी मेहरा, एसोसिएट डीन, डॉ. पंकज शुक्ला, डिप्टी निदेशक (बागवानी), उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उ.प्र. शासन, विशिष्ट अतिथि थी। श्री वी.पी. श्रीवास्तव, प्रभारी, खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण केंद्र, प्रयागराज भी मौजूद थे।
विभागाध्यक्ष हार्टीकल्चर डॉ विजय बी राजवाड़े ने बताया कि ने बताया कि 56 प्रशिक्षुओं (ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड) ने पाठ्यक्रम में भाग लिया और चौदह (14) मूल्य वर्धित उत्पादों को विशिष्ट अतिथियों द्वारा तैयार, प्रदर्शित और मूल्यांकन किया गया। प्रयागराज जिलों में और उसके आसपास परिचालन व्यवसाय मॉडल के प्रदर्शन के लिए प्रशिक्षुओं को संरक्षण उद्योगों में भी ले जाया गया।
प्रो. सर्वजीत हर्बर्ट ने मूल्य वर्धित उत्पादों को तैयार करने और विकसित करने के लिए बागवानी फसलों के संरक्षण, प्रसंस्करण, प्रबंधन के संबंध में नई रणनीति, योजना, विपणन प्रबंधन, विचार प्रक्रिया और कुशल प्रौद्योगिकियों के विकास पर जोर दिया।
15 दिनों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों ने प्रसंस्करण, कटाई के बाद प्रबंधन और बागवानी फसलों के मूल्यवर्धन, वाणिज्यिक बागवानी-व्यवसाय के रास्ते यानी कटाई के बाद की प्रौद्योगिकियों में व्यापार के रास्ते, कटाई के बाद के उद्यमों और इसके प्रसंस्करण पर ज्ञान और कौशल हासिल किया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रशिक्षुओं ने बागवानी फसलों के प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन पर स्टार्ट-अप के लिए व्यावसायिक प्रस्ताव प्रस्तुत किए।
बागवानी विभाग के गणमान्य व्यक्तियों और संकाय सदस्यों के साथ छब्बीस प्रशिक्षुओं (ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड) ने समापन समारोह में भाग लिया। समापन समारोह में डॉ साकेत मिश्रा, डॉ समीर ई टोपनो, डॉ संजय मिश्रा, दीपक लाल, श्री अदबुल शमद और सुश्री ललिता लाल उपस्थित थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम निदेशक डॉ अतुल यादव और बागवानी विभाग के सहायक प्रोफेसर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।