खुलकर बोलने की जो सलाह पुलिस टीम और समाजसेवियों द्वारा स्कूल कालेज में दी जा रही है उसके परिणाम सामने आने लगे हैं। बेटियों ने अब अपने अधिकार और स्वाभिमान की आवाज़ उठानी शुरू कर दी है। इसका जीता जागता उदाहरण देश की महिला पहलवान हैं जिन्होंने लगभग दो साल उत्पीड़न पर प्रदर्शन किया। ताजा मामला जनपद बाराबंकी के खेल मैदान से जुड़ा हुआ है।
यहां महिला फुटबॉल खिलाड़ियों के बैड टच व प्रताड़ना के आरोपों में घिर गए हैं क्रीड़ाधिकारी राजेश कुमार सोनकर और फुटबॉल प्रशिक्षिका श्रद्धा सोनकर। बुधवार को नगर कोतवाली में उक्त दोनों लोगों पर बी एन एस की धारा 74, 315 सब सेक्शन 2 और धारा 85 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। जानकारी के मुताबिक क्रीड़ाधिकारी और फुटबॉल प्रशिक्षिका के विरुद्ध शिकायत की जांच उपजिलाधिकारी और क्षेत्राधिकारी ने करके रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद केस लिखा गया है, अब आगे की कार्रवाई की जा रही है। महिला खिलाड़ियों का कहना है कि सीतापुर में तैनात राजेश सोनकर के पास बाराबंकी का अतिरिक्त प्रभार है तो फुटबॉल प्रशिक्षिका का दूसरे जिले में तबादला हो चुका है। दोनों लोग अभद्र, अनैतिक व्यवहार करते रहे हैं। जबकि राजेश सोनकर आरोप को बेबुनियाद बता रहे हैं।