फतेहाबाद में घरेलू कलह से परेशान महिला डॉक्टर ने फांसी लगाकर दी जान

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शहर बस स्टैण्ड के पीछे स्थित लूथरा अस्पताल की संचालिका डॉ. सुनीता लूथरा ने शनिवार सुबह अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जाता है कि डॉ. सुनीता लूथरा घरेलू कलह से परेशान थी और इसी के चलते उसने फांसी लगाकर जान दी है। मौके पर पहुंचे मृतका के भाईयों ने अपने जीजा डॉ. देवेन्द्र लूथरा पर उनकी बहन को परेशान करने के गंभीर आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

घटना की सूचना मिलते ही शहर थाना प्रभारी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गई वहीं सीन ऑफ क्राइम की टीम ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की। फिलहाल पुलिस टीम मौके पर मौजूद है और जांच जारी है। जानकारी के अनुसार 65 वर्षीय डॉ. देवेंद्र लूथरा और उनकी धर्मपत्नी 62 वर्षीय डॉ.सुनीता लुथरा बस स्टैंड के पीछे कई सालों से चर्म रोग व मैटरनिटी अस्पताल चला रहे हैं। उनके बेटे डॉ.प्रतीक लूथरा व बहू नैंसी लूथरा का भूना में क्लिनिक है। ग्रांउड फ्लोर पर अस्पताल और ऊपरी मंजिल पर डॉक्टर लूथरा और उससे ऊपर की मंजिल पर बेटे का परिवार रह रहा है। बताया जा रहा है कि पूरे परिवार में घरेलू कलह चल रही थी। मृतका डॉ. सुनीता लूथरा के बेटे प्रतीक ने बताया कि वह रोजाना की भांति शनिवार सुबह अपने क्लीनिक भूना जाने के लिए तैयार हुआ और नीचे नाश्ता करने के लिए आया तो देखा कि उसकी मां अपने कमरे से अभी तक बाहर नहीं आई थी। उसने जब दरवाजा खोला तो दंग रह गया, उसकी मां सुनीता लूथरा कमरे में पंखे से बंधे फंदे पर लटकी हुई थी। प्रतीक ने उन्हें नीचे उतारा और परिवार को मामले का पता चला। डॉ. प्रतीक ने रोते हुए पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी डॉ.नैंसी और मां की आपस में नहीं बनती थी। इसको लेकर अक्सर घर में क्लेश रहता था। उधर डॉ.सुनीता लूथरा के भाई विकास व सुनील ने अपने जीजा डॉ. देवेंद्र के खिलाफ गुस्सा प्रकट करते हुए कहा कि देवेंद्र उनकी बहन को परेशान करते थे। इस कारण वे चार-पांच साल से अपनी बहन के घर भी नहीं आ रहे थे। उनकी बहन अक्सर फोन पर उन्हें परेशानी बयान करती थी। उन्होंने अपने जीजा पर उसे परेशान करने के आरोप जड़े। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

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