अवधनामा संवाददाता
मोहम्मदी खीरी.पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा की बेटी और इमाम हुसैन की मां की शहादत के मौके पर तीन दिवसीय अय्यामें फातमी मजलिसे अजा का आयोजन अंजुमन हुसैनिया द्वारा नगर मोहम्मदी के इमामबाड़े में किया गया। जो 25ए 26 और 27 दिसम्बर को मजलिसों का सिलसिला जारी रहा। जिसमे हिंदुस्तान के मशहूर ओलमाए इकराम ने मजलिस को खिताब किया। शुक्लापुर में स्थित इमाम बारगाह सुल्तान ए कर्बला में मौलाना सैण् सालिम हुसैन जैदी हरदोईए मौलाना इमरान अली और सलमान अब्बास बाराबंकी ने मजलिस को खिताब किया। फातिमा जहरा के बारे में बताते हुए मौलाना ने कहा पूरी दुनिया में फातमा जहरा औरतों के लिए एक मिसाल और आइडियल है। जिस तरीके से उन्होंने बेटीए पत्नी और मां बनकर दुनिया को एक संदेश दिया है। जो काबिले तारीफ है अपनी बेटी के इस्तकबाल के लिए पैगम्बरे इस्लाम भी खड़े हो जाया करते थे। जो औरतों की जन्नत के सरदार के रूप में जानी और पहचानी जाती है। इनके बेटे इमाम हुसैन ने करबला के मैदान में शहादत पेश कर इस्लाम को नई जिंदगी दी। इस मौके पर लोगों ने इमाम बारगाह में नौहा व मातम कर शहजादी फातमा जहरा को खैराजे अकीदत पेश की। मजलिस में अंजुमन हुसैनिया के अध्यक्ष मोहम्मद अब्बास नकवी इस कार्यक्रम के आयोजक अफजल जैदीए सोहराब जैदी अलीए मोहम्मद हसन नकवीए हसन जैदीए जमीर रिजवीए अच्छन जैदीए भोला रिजवीए अकरम रिजवीए वहीद हसन सहित अंजुमन के लोग शामिल रहे वही महिलाओं की ओर से भी तीन दिन मजलिस का ऐहतमाम किया गया।