रमज़ान उल मुबारक़ मे रोज़ा रखने से दिल को सुकून मिलता है

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अवधनामा संवाददाता

जलालपुर, अंबेडकरनगर। जलालपुर तहसील क्षेत्र के कटघर मूसा निवासी शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद मंजर अब्बास रिजवी ने कहा कि शियों के पांचवें इमाम हजरत मोहम्मद बाकिर अलैहिस्सलाम फरमाते हैं कि रोजा दिलों को सुकून पहुंचाता है। पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब फरमाते थे कि रोजा सेहतयाबी की जमानत है। यह मुबारक महीना बरकतों, नेमतों, रहमतों का महीना है। यही क्या कम है इसको माहे जेयाफतुल्लाह के नाम से याद किया गया है। इस माह में बंदे खुद अपने अपने खालिक का मेहमान होता है, खुदा की रहमत का दस्तरख्वान हर एक के लिए बिछा दिया जाता है। इस माह में जन्नत का दरवाजा खोल दिया जाता है और जहन्नम का दरवाजा बंद कर दिया जाता है। रमजानुल मुबारक का पाक महीना अब हम सब से विदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस पाक महीने में एक नेकी के बदले सत्तर नेकी का सबाब मिलता है। इस महीने में जन्नत (स्वर्ग) के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और जहन्नम (नर्क) के दरबाजे बंद कर दिए जाते हैं। इस महीने में मुसलमान भाई रोजा रखकर खुदा की इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।

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