अवधनामा संवाददाता
सहारनपुर। पृथक पश्चिम प्रदेश बनाये जाने सहित किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर आज भारतीय किसान यूनियन (वर्मा) से जुड़े किसानों ने जिला मुख्यालय पहुंच प्रदर्शन किया और प्रदेश के मुख्यमंत्री को सम्बोधित 12 सूत्रीय ज्ञापन नगर मजिस्टेªट को प्रेषित किया।
आज यूनियन के राष्ट्रीय संयोजक भगत सिंह वर्मा के नेतृत्व में किसान जिला मुख्यालय पहुंचे और किसानांे से संबंधित 12 सूत्रीय मांग पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित नगर मजिस्ट्रेट विवेक चतुर्वेदी को सौंपते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश दुनिया का सबसे बड़ा राज्य है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 26 जिलों को मिलाकर पृथक पश्चिम प्रदेश का निर्माण कराया जाना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान राज्य है, और बड़ा राज्य होने के कारण किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश को कई हिस्सों में नहीं बांटा जायेगा तब तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश का विकास संभव नहीं है। राष्ट्रीय प्रवक्ता डा.अशोक मलिक ने कहा कि मनरेगा योजना को सीधा खेती से जोड़ा जाये, किसानों की भूमि अधिग्रहण का प्रदेश में एक समान मुआवजा दिलाया जाये और जिले में भूमि अधिग्रहण की सभी समस्याओं का निराकरण कराया जाये। प्रदेश में किसानों को कृषि कार्य हेतु निःशुल्क बिजली दिलायी जाये। प्रदेश में गन्ने का लाभकारी रेट 600 रूपये प्रति कुंतल दिलाया जाये। राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष विरेन्द्र चौधरी व रविन्द्र चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 120 चीनी मिलों पर पिछले वर्षों में देरी से किये गये गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज 11 हजार करोड़ रूपये किसानों को दिलाया जाये,उ0प्र0 की चीनी मिलों से बकाया गन्ना भुगतान तत्काल दिलाया जाये, प्रदेश की चीनी मिलों से गन्ना किसानों से किराया न काटा जाये, चीनी मिलों में 1 कुन्तल गन्ने से 1 किग्रा कटौती न काटी जाये, प्रदेश की चीनी मिलों से खाद हेतु गन्ना किसानों को निःशुल्क दिलायी जाये, जिले की बंद पड़ी बिडवी चीनी मिल और शाकुम्भरी टोडरपुर चीनी मिल को तत्काल चालू करवाया जाये। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से भूपेन्द्र सिंह एडवोकेट, मुकर्रम अली, सुशील धारकी, ब्रहमपाल सिंह, हिमांशू, वी.पी.सिंह, रविन्द्र तोमर, मौ.इस्लाम, सुनील धीमान मौ.अब्दुल मालिक आदि शामिल रहे।