Wednesday, March 19, 2025
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ड्रेगन फू्रट व स्ट्रॉवेरी की खेती करने पर बल दें किसान : जिलाधिकारी

Farmers should emphasize on cultivating dragon fruit and strawberry: District Magistrate

अवधनामा संवाददाता

खरीफ प्याज बीज वितरण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
 
ललितपुर (Lalitpur)। कलैक्ट्रेट सभागार में भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार जैन की अध्यक्षता में जिला औद्यानिक मिशन योजनान्तर्गत निशुल्क खरीफ प्याज बीज वितरण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इसमें सदर विधायक प्रतिनिधि श्रीकांत कुशवाहा एवं जिलाधिकारी अन्नावि दिनेश कुमार की उपस्थिति में जनपद के समस्त विकास खण्डों में कुल 106 कृषकों के मध्य एक-एक किलोग्राम खरीफ प्याज बीज का निशुल्क वितरण उद्यान विभाग द्वारा किया गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला औद्यानिक मिशन, बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्यक्षेत्र में औद्यानिक विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई आदि योजनाओं से मिलने वाले लाभों की विस्तृत जानकारी उपस्थित कृषकों को दी गयी। कृषकों को ड्रिप व स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति अपनाने की सलाह दी और ड्रिप व स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति अपनाने से होने वाले लाभों और पानी की बचत के बारे में विस्तार से बताया गया ताकि जनपद में उपलब्ध जलश्रोत का अधिकतम उपयोग करने के लिए कृषकों को प्रेरित किया जा सके। खरीफ प्याज उत्पादन तकनीकि पर चर्चा करते हुये उद्यान निरीक्षक शालिगराम निरंजन द्वारा कृषकों को बीज बोने हेतु बरसाती क्यारियों (ऊंची क्यारियों) व बीज की बुवाई पंक्तियों में करने की सलाह दी गयी। साथ-ही-साथ वितरित प्याज बीज की प्रजाति लाइन-883 के विषय में जानकारी देते हुये अवगत कराया गया कि जनपद में पहली बार विभाग को खरीफ सीजन में 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्याज के उत्पादन का लक्ष्य प्रदान किया गया है जिसके लिए विभाग द्वारा नैफेड की आई.एस.ओ. सर्टिफाइड प्रजाति लाइन-883 का वितरण कृषकों के मध्य किया जा रहा है। जो कि सबसे कम समय 83 दिन में ही तैयार हो जाती है और जिसका सामान्य प्रजाति की तुलना में 20 प्रतिशत अधिकत उत्पादन होता है जिससे कृषकों को अच्छी आय प्राप्त होगी और जनपद में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी। उनके द्वारा कृषकों को बताया गया कि खेत में तैयार बेहन का रोपण पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20 से.मी. तथा पौधे से पौधे की दूरी 8 से 10 से.मी. रखने की सलाह दी गयी। जिलाधिकारी द्वारा कृषकों को ड्रेगन फू्रट व स्ट्रॉवेरी की खेती करने की सलाह दी गयी और साथ-ही-साथ पानी की बचत की सलाह देते हुये कृषकों को तोड़ सिंचाई विधि से सिंचाई न करने व ड्रिप/स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति अपनाने हेतु उद्यान विभाग से 80 व 90 प्रतिशत अनुदान पर सिंचाई प्रणाली स्थापित करने का आग्रह किया गया। जिलाधिकारी द्वारा शाकभाजी, बागवानी के साथ-साथ औषधीय फसलों को अपनाने पर जोर देते हुये कृषकों को उद्यान विभाग की विभिन्न योजनाओं से मिलने वाले अनुदान व तकनीकि मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु जिला उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया गया। इस अवसर पर समस्त योजना प्रभारी व विकास खण्ड प्रभारी व शालिगराम निरंजन उपस्थित रहे।
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