अवधनामा संवाददाता
स्प्रिंकल विधि से दवाओं के छिड़काव के लिए प्रत्येक जनपद में 2-2 ड्रोन उपलब्ध कराये जाने की होगी व्यवस्था
कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा विभिन्न विभागों द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का फीता काटकर किया गया शुभारम्भ
प्रयागराज : कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में ‘‘मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान’’(एम0एन0एन0आई0टी0) के मल्टीपरपज आडिटोरियम में गुरूवार को प्रयागराज, विंध्याचल एवं वाराणसी मण्डल की संयुक्त मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2022 का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम कृषि उत्पादन आयुक्त के द्वारा दीप प्रज्जवलन कर गोष्ठी का शुभारम्भ किया गया। गोष्ठी में कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा खरीफ के लिये की गयी तैयारी तथा मण्डलों में तैयार की गयी रणनीति की समीक्षा के साथ ही जनपदों के किसानों से फीडबैक भी लिया गया।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने गोष्ठी में आये हुए लोेगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि मण्डलीय खरीफ गोष्ठी के आयोजन का उद्देश्य किसानों के सुझाव एवं उनकी समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करना है। खरीफ हेतु आवश्यक निवेश, बीज, उर्वरक आदि की पर्याप्त उपलब्धता किसानों के पास समय से पहुॅंच जाए। उन्होंने कहा कि वर्षा शुरू हो गयी है इससे धान की रोपाई का कार्य तेज गति से होगा। देश एवं प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। किसानों की मेहनत की बदौलत ही उत्तर प्रदेश निर्यात की स्थिति में आ गया है। दलहनी एवं तिलहनी फसलों की खेती को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता बताते हुए उन्होंने कहा कि दलहन के क्षेत्र में उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुयी है किन्तु तिलहन के क्षेत्र में आयात की स्थिति है। उर्वरक के बाद तिलहन में 80 हजार करोड़ रू0 आयात पर खर्च किया गया है। उन्होंने जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि तिलहन के क्षेत्राच्छादन एवं उत्पादन हेतु ग्राम स्तरीय कार्यकर्ताओं को लक्ष्य आवंटित करते हुए समय-समय पर इसकी प्रगति का अनुश्रवण किया जाए। अधिक उत्पादन के लिए खेती के समतलीकरण पर जोर देते हुए उन्हांेने बताया कि पंजाब के किसान खेत की तैयारी बहुत अच्छे तरीके से करते हैं। कृषि यंत्रीकरण के अंतर्गत फार्म मशीनरी बैंक एवं कस्टम हायरिंग सेन्टर में लेजर लैण्ड लेवलर को बढ़ावा दिया जाएगा। फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु उपयोगी कृषि यंत्रों कृषक समूहों को उपलब्ध कराये गये है, वह निर्धारित किराये पर किसानों को उपलब्ध हो रहे हैं, इसकी समय-समय पर समीक्षा करने के निर्देश दिए।
कृृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि शासन द्वारा हर जिले में स्वयं सहायता समूहों को 2-2 ड्रोन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है, जिससे स्प्रिंकल विधि से रसायनों/दवाओं का छिड़काव हो सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि शासन द्वारा प्रत्येक जिले में दो-दो हाइटेक नर्सरी लगाये जाने की भी व्यवस्था की जा रही है, जिससे किसानों को अच्छे उत्पादकता वाले पौधे उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि किसान भाई सी ट्रिटमेट का अवश्य प्रयोग करें। कहा कि बीज शोधन करके ही बोआई करें, उससे रोग लगने की सम्भावना नहीं रहती है और उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि क्राफ्ट कटिंग और सर्वे का कार्य वैज्ञानिक तरीके से किया जाये। उन्होंने कहा कि तिलहन और दलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए बोआई के क्षेत्रफल एवं उत्पादकता में वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों तथा कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त किए जाने के लिए कहा है। जनपद के किसानों द्वारा टूटे गुल की समस्या पर मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मनरेगा से यह कार्य कराया जाए। कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा गोष्ठी में जितेन्द्र सिंह, हरीलाल मौर्य, रामचन्द्र, कुलदीप सिंह, रोशनी वर्मा आदि को मिनीकिट का वितरण किया गया। मंजुल फार्मर प्रोड्ूसर कं0 के निदेशक ज्ञान सिंह को फार्म मशीनरी बैंक पर अनुदान प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया गया।
मण्डलायुक्त संजय गोयल द्वारा अवगत कराया गया कि खरीफ हेतु पूरी तैयारी हो चुकी है। खरीफ हेतु निर्धारित लक्ष्यों की शतप्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। मण्डलायुक्त विंध्यांचल ने कहा कि जनपद मिर्जापुर एवं सोनभद्र की भौगोलिक स्थिति बुन्देलखण्ड के समान है। अतः इन जनपद के किसानों को बुन्देलखण्ड के समान सुविधायें उपलब्ध करायी जाए। मिर्जापुर जनपद में जैविक उत्पाद के प्रमाणीकरण हेतु संस्था न होने की समस्या रखीं। इसके अतिरिक्त फेन्सिंग पर अनुदान, इफको के समान अन्य कम्पनियों की उर्वरक खरीद पर कृषक का बीमा का लाभ दिलाए जाने की मॉग किया।
गोष्ठी के प्रारम्भ में जनपद प्रयागराज, विंध्याचल एवं वाराणसी मण्डल के विभिन्न जिलों से आये हुए कृषि वैज्ञानिकों एवं प्रगतिशील किसानों के द्वारा वैज्ञानिक खेती किए जाने के सम्बंध में किसानों को जानकारी दी गयी। कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा कम लागत में अधिक उत्पादन किए जाने के उपायों के बारे में विस्तार से कृषकों को जानकारी दी गयी। वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों को फसल चक्र अपनाने, बीज शोधन, प्राकृतिक खेती, मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने सहित अन्य तकनीक के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। इस अवसर पर प्रयागराज, विंध्याचल एवं वाराणसी मण्डल से आये हुए प्रगतिशील किसानों ने अपनी जानकारी व अपनी उपलब्धी किसानों के साथ साझा की। विभिन्न जनपदों से आये हुए प्रगतिशील किसान सुधीर मौर्य प्रयागराज, लोकनाथ पाण्डेय फतेहपुर, अंगद कुमार मौर्य कौशाम्बी, संजीव कुमार प्रतापगढ़, अजय सिंह चंदौली, रामकुमार गाजीपुर, रजनीश सिंह जौनपुर, संध्या सिंह जौनपुर, राहुल त्रिपाठी भदोही आदि के द्वारा आमदनी को बढ़ाने हेतु कृषि तकनीकि एवं उत्पादकता बढ़ाने के सम्बंध में अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम के अंत में मण्डलायुक्त प्रयागराज एवं मण्डलायुक्त विंध्याचल मण्डल ने कृषि उत्पादन आयुक्त को आश्वस्त करते हुए कहा कि जो भी निर्देश दिए गए है, उसका अक्षरशः पालन किया जायेगा। जिलाधिकारी प्रयागराज श्री संजय कुमार खत्री ने कृषि उत्पादन आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों तथा गोष्ठी में आए हुए कृषकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि कृषि उत्पादन आयुक्त महोदय के द्वारा दिए गए निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाएगा। इस अवसर पर सचिव कृषि श्री अनुराग यादव तथा तीनों मण्डलों के जनपदों के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी तथा कृषि विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारीगणों के अलावा काफी संख्या में कृषकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा0 प्रभाकर त्रिपाठी, अपर जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा किया गया।
गोष्ठी के प्रारम्भ में कृषि उत्पादन आयुक्त के द्वारा एमएनआईटी परिसर में कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारम्भ किया गया। उन्होंने कृषकों के लिए उपयोगी एवं ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कहा कि योजनाओं एवं उत्पादों के बारे में किसानों को जागरूक करने एवं किसानों को लाभान्वित कराये जाने के लिए कहा है।