छुट्टा जानवर कर रहे किसानों की फसल चौपट

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अवधनामा संवाददाता

 

मिल्कीपुर-अयोध्या।देश आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव मना रहा है, सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास में लगी हुई है , लेकिन इसमें बड़ी बाधा छुट्टा जानवर बन रहे हैं। मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र में किसानों ने अपने खेतों में तारबंदी जरूर कर रखी है, लेकिन जानवर झुंड में जब आते हैं, तो खेत में लगी बल्ली को तोड़कर खेत में घुस जाते हैं और फसलों को नष्ट कर देते हैं। जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। जानवरों से अपनी फसलों को बचाने के लिए किसान सर्दी में रात में रखवाली कर हांका लगा रहे हैं। सरकार की ओर से बनवाए गए पशु आश्रय स्थल भी व्यर्थ साबित हो रहे हैं।
मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र में आधा दर्जन गो आश्रय स्थलों पर इंजताम नहीं होने की वजह से गोवंशीय पशु झुंड बनाकर घूम रहे हैं। छुट्टा जानवरों के आतंक से किसान परेशान है। छुट्टा पशु किसानों के गेंहू, आलू, सरसों आदि की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। फसलों को बचाने के लिए किसान खेतों के चारों ओर तारबंदी कर रखी है। उसके बाद भी पशु खेत में घुस जाते हैं। ऐसे में जानवरों से फसलों को बचाने के लिए कड़ाके की सर्दी में किसान रात में अपने खेतों की रखवाली कर रहे हैं, मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के विश्वनाथ सिंह, आकाश सिंह, तुलसी राम,देव कुमार, आदित्य प्रताप, भोलानाथ तिवारी,दिनेश जायसवाल,देवीदीन,दुर्गा प्रसाद आदि किसानों ने बताया कि रखवाली करते समय कभी-कभी नींद आ जाती है, इसी बीच छुट्टा जानवर खेत में घुस जाते हैं और फसलों को तबाह कर देते हैं। रात में रखवाली कर रहे किसानों ने बताया कि छुट्टा जानवरों से अब डर भी लगता है, क्योकि जानवरों को खेत से निकालते समय मारने के लिए दौड़ा लेते है। जिससे जान का भी खतरा रहता है।
जिस फसल में यह जानवर घुस जाते हैं। उसमें बहुत ही नुकसान करते हैं। जिससे फसल बर्बाद हो रही है। मगर किसानों शासन प्रशासन की ओर से कोई राहत नहीं मिल रही है। फसलों को बचाने के लिए प्रशासन को कड़े इंतजाम करने चाहिए। जिससे की फसलों को बचाया जा सके। मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र में आधा दर्जन गौ आश्रय स्थल हैं। प्रशासन की नाकामी के चलते छुट्टे मवेशी किसानों के खेतों में तैयार हो रही फसल को नुक्सान पहुंचा रहे हैं ।

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