जुलाई का आखिरी सप्ताह और अगस्त महीने के पहले चार दिन बारिश के मामले में जिले के धनी साबित हुए हैं। पर्याप्त बरसात होने का लाभ लेकर धान की रोपाई में पिछड़े किसानों ने रोपाई का काम पूरा कर लिया है। जिले में निर्धारित क्षेत्रफल से अधिक धान की रोपाई का पूरा हो चुका है। मोटे अनाजों की खेती में किसान अभी भी पीछे हैं।
निर्धारित क्षेत्रफल के सापेक्ष मोटे अनाजों की खेती लगभग 68 फीसदी हुई है।पिछले चौबीस घंटे के भीतर जिले में 36.8मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
जिला कृषि अधिकारी राजेश यादव ने बताया कि खेती के लिए अब जिले में पानी का संकट नहीं रह गया है। बारिश रोज हो रही है।अब तक जिले में ज्वार और मक्का की खेती निर्धारित क्षेत्रफल के सापेक्ष 94फीसदी हुई है।
बाजरा की खेती 84फीसदी हो चुकी है। सोयाबीन की खेती में किसान सबसे आगे हैं। निर्धारित क्षेत्रफल के सापेक्ष 115प्रतिशत सोयाबीन की खेती हुई है।अरहर की बुवाई 87फीसदी और तिल की बुवाई 78फीसदी हुई है।उरद की खेती निर्धारित क्षेत्रफल के सापेक्ष 71फीसदी हुई है। लक्षित क्षेत्रफल के सापेक्ष मूंग की बुवाई 85फीसदी हुई है।