मौदहा (हमीरपुर)। नगर समेत क्षेत्र में रबी की फसल की बुवाई का कार्य चरम पर है, लेकिन खाद की भारी कमी ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में खाद की आपूर्ति न होने से किसान सारा काम छोड़कर खाद पाने के लिए समितियों के चक्कर काट रहे हैं।
वर्तमान समय में किसानों को डीएपी खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। समितियों में किसानों को खतौनी के हिसाब से एक से चार बोरी या प्रति किसान केवल दो-दो बोरी खाद देकर प्रशासन उनकी आँखों के आँसू पोंछने का प्रयास कर रहा है, जो कि किसानों की आवश्यकता के मुकाबले बहुत कम है।
बाज़ार से महंगे दाम पर खरीद रहे किसान:
समितियों से पर्याप्त मात्रा में खाद न मिलने के कारण किसान बाजार से महंगे दामों में खाद लेने को मजबूर हैं। सोमवार को नगर के पीसीएफ केंद्र में एनपीके खाद वितरित की गई। वहीं, नगर की क्रय विक्रय समिति में प्रति किसान को दो-दो बोरी खाद दी जा रही है।
बटाई पर खेती करने वाले सबसे अधिक परेशान:
सबसे अधिक परेशानी उन किसानों को हो रही है जिन्होंने खेत बटाई या ‘बालकट’ पर लिए हैं। जिनके पास न तो खतौनी है और न ही कृषि भूमि के कोई कागज़, वे बाजार से महंगे दामों पर खाद खरीदकर बुवाई कर रहे हैं। इस समस्या को लेकर क्षेत्रीय किसानों में अच्छा खासा आक्रोश व्याप्त है।





