खाद की किल्लत से जूझ रहे किसान, समितियों पर नहीं है डीएपी

0
67
समितियों पर खाद न होने से गेहूं व सरसों की बुआई हो रही  प्रभावित
कुशीनगर। जिले में डीएपी और एनपीके खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं। समितियों पर खाद न होने से गेहूं व सरसों की बुआई प्रभावित हो रही है। किसान खाद के लिए भटक रहे हैं।बीते कई दिनों से समितियों पर डीएपी और एनपीके खाद की किल्लत चल रही है। इससे किसानों को खाद के लिए समितियां का चक्कर लगाना पड़ रहा है। समितियों पर खाद न होने से  है। जो किसान पहुंचते हैं उनको मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। हालांकि कृषि विभाग के अधिकारी एक-दो दिन में खाद की किल्लत दूर होने की बात कह रहे हैं।
बताते चलें कि जिले के पडरौना, हाटा, कसया, कप्तानगंज, रामकोला, खड्डा, तमकुही तहसील में सहकारी समितियों खाद उपलब्ध नहीं है। हाटा तहसील क्षेत्र के सकरौली, देवरिया देहात, पटना मिश्रौली, सहित अन्य समितियां पर ताले लटक रहे हैं तो वहीं कसया तहसील के कुरमौटा मंझरिया, नरकटिया, परसौना बुजुर्ग, रामनगर, समेत अन्य समितियां पर भी खाद न होने से क्षेत्र के किसान गेहूं, सरसों, गन्ना, मसूर आदि फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं  खड्डा क्षेत्र में सिसवागोपाल, गेठियहवा, भुजौली, मठिया, छितौनी, भुजौली, पड़रही, रामपुर बांगर, खड्डा कला व भैंसहा सहित 10 सरकारी समिति हैं। इस पर भरपूर मात्रा में डीएपी, यूरिया आदि खाद उपलब्ध नहीं है, हालांकि भैंसहा को छोड़ सभी समितियां चल रही हैं। भैंसहा समिति लगभग दो साल से बन्द है। किसान राम अशीष सिंह, अरुण सिंह,बद्रीनारायण शुक्ला, मोहन सिंह, पवन पटेल, राम मनोहर, सहित अन्य किसानों का कहना है कि समितियों पर भरपूर मात्रा में सभी खाद उपलब्ध नहीं है। इससे खेती करने में काफी दिक्कत हो रही है।
जिलाधिकारी के प्रयास से जिले को खाद मिली है। प्राइवेट खाद को जिले की अधिकांश समितियों को मुहैया कराया गया है। जिले को मिले 300 मीट्रिक टन डीएपी खाद के अलावा आईपीएल व यूएचआरएल खाद को समितियों को भेजी जा रही है। किसानों को खाद के लिए घबराने की जरूरत नहीं है। डिमांड भेजी गई है, जल्द ही खाद की बड़ी खेप जिले को मिलने वाली है।
Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here