अवधनामा संवाददाता
अयोध्या। नगर कोतवाली के अंतर्गत चौक स्थित कंघी गली निवासी चर्चित रंगकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता व कारोबारी गोपाल कृष्ण वर्मा ने अपनी बुजुर्ग माँ की गला दबाकर हत्या कर दी। उसने तीन पेज का पत्र लिखकर अपना जुर्म कबूला है। यह पत्र अपने परिचितों और शुभचिंतकों को भेजा है। पत्र में कर्ज से परेशानी के चलते अपनी बुजुर्ग मां की हत्या की बात कही है और खुद को कोतवाली पहुंच पुलिस के हवाले किया है। मामले की जानकारी के बाद पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है।कभी कम्युनिस्टपार्टी के वरिष्ठ चिंतकों में शामिल तथा रंगमंच पर एक नाम की पहचान रखने वाले लगभग 62 वर्षीय गोपाल कृष्ण वर्मा चौक जमुनिया बाग स्थित मार्ग पर जीके कार्ड सेंटर के नाम से दुकान चलाते थे। जिसमें उनके दो भाई सहयोगी थे। कुछ माह पूर्व उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ली थी लेकिन सक्रिय नहीं हो पाए। गुरुवार की रात उन्होंने तीन पेज का पत्र लिखा और पत्र में हवाला दिया कि अत्यधिक कर्ज के चलते मां बेटे परेशान चल रहे थे भाइयों ने कर्ज से उबारने की कोशिश की लेकिन बात आगे ना बढ़ सकी।उन्होंने लिखा है कि मां की यह चिंता और कष्ट नहीं जा रहा था। मां का अपने प्रति दुलार उनको पेशोपेश में डाले हुए था। जिसके चलते जिसके चलते मां की हत्या का निर्णय लेना पड़ा।रात 3.15 बजे लिखे गए इस पत्र को उन्होंने अपने परिचितों और शुभचिंतकों को पोस्ट किया तथा कोतवाली जाकर आत्मसमर्पण कर दिया। पत्र में उन्होंने अपनी बहन कम्मो का भी जिक्र किया है और इस घटना से अत्यंत दुखी होने का जिक्र किया है। फिलहाल मामले की जानकारी पर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। भाइयों ने गोपाल कृष्ण के दावे पर सवाल खड़ा किया है।नगर कोतवाल अश्वनी कुमार पांडेय का कहना है कि घर से तीन पेज का पत्र मिला है। बुजुर्ग मां के बगल ही इनके विकलांग भाई का बिस्तर है। जबकि दूसरा भाई बगल के कमरे में सोया था। मौके से मृतका के शरीर पर कोई चोट और खरोंच का निशान नहीं मिला है। पोस्टमार्टम के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।