यमुनानगर की पश्चिमी यमुना के किनारे छठ पूजा को लेकर तैयारी जोर शोर से की जा रही है। यमुना तट पर प्रवासी श्रद्धालु साफ सफाई कर रहे हैं। छह से आठ नवंबर तक छठ पूजा पर्व को बड़ी श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। मूलतः पूर्वांचल का त्यौहार होने के कारण केवल प्रवासी लोगों द्वारा यह त्यौहार मनाया जाता है। हजारों की संख्या में प्रवासी श्रद्धालु छठ मैया की पूजा आराधना करेंगे। वेदी को अंतिम रूप देने के साथ सौंदर्यीकरण का काम भी चल रहा है। इसमें घाटों की सफाई भी की जा रही है। इसके लिए प्रशासन भी अपनी तैयारियों में जुटा है।
सोमवार को अधिक जानकारी देते हुए पूर्वांचल प्रवासी कमलेश, रामधन और कमला ने बताया कि छठ मैया का पर्व दिवाली के बाद मनाया जाता है। छठ मैया का पर्व पूर्वांचल के लोगों के लिए बहुत महत्व रखता है। छठ मैया का व्रत परिवार में सुख-समृद्धि, शांति और मनोकामना पूर्ण करने के लिए रखा जाता है। ज्यादातर घर की महिलाएं इस व्रत को रखती हैं।
उन्होंने कहा कि परिवार में सभी स्वस्थ रहें और घर में धन और धान्य की वर्षा हो, इसी उद्देश्य से छठ मैया की पूजा अर्चना की जाती है। छठ पर्व मनाने के लिए नारियल, फल, गन्ना मूली, पूजा अर्चना की सामग्री नए कपड़े आदि खरीदे जाते हैं। छठ मैया पर्व दो दिन मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि 6 नवंबर की शाम को यमुना नदी के किनारे पानी में खड़े होकर अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, फिर अगली सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।