मेरे देश की हर नारी बन गई झांसी की रानी है….

0
67

अवधनामा संवाददाता

ललितपुर। महारानी लक्ष्मीबाई एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्म दिवस के अवसर पर कौमी एकता की प्रतीक साहित्यिक संस्था हिंदी उर्दू अदवी संगम के बैनर तले समाजसेवी रामप्रकाश शर्मा के निवास पर कवि सम्मेलन में मुशायरा का संयुक्त समागम हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि किशन सिंह बंजारा ने व संचालन संस्था अध्यक्ष रामकृष्ण कुशवाहा एड. ने करते हुए रानी झांसी एवं देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को चित्र पर माल्यार्पण करते हुए कहा जिसे श्रोताओं ने काफी पसंद किया जो वतन के काम ना आए उसकी बेकार जवानी है उठो जवानों खून तुम्हारा हो गया क्या पानी चूडिय़ों वाली हाथों में जब भी तलवार भाई है मेरे देश की हर नारी बन गई झांसी की रानी है। कार्यक्रम में युवा कवि सरवर हिंदुस्तानी में गजल पेश करती हुई कहा मैं गरीब हूं मुझको गरीब रहने दे मेरे अंदर अभी जिंदा जमीन रहने दो।

इसी कड़ी में एक विवाह गीत प्रशांत श्रीवास्तव ने पेश करते हुए कहा हाथ में हथकड़ी पांव में बेडिय़ां मुंह में ताली गरीब फिर भी लगी बोलियां। काका ललितपुरी ने झांसी की रानी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा रानी का रौद्र रूप देखकर अंग्रेजों का पसीना छूट गया, शाम होते ही दुश्मनों का हौसला देखो टूट गया। इसी क्रम में महिला शक्ति की ओर से एकमात्र कविता सुमनलता शर्मा चांदनी में खूबसूरत गजल पेश करते हुए कहा जिस देश में पैदा हुई वहां की मिट्टी की आभारी हैं हमें अबला मतमत समझो हम भारत की नारी है। रामस्वरूप नामदेव अनुरागी मैं खुशबू गीत पेश करते हुए कहा तोपों और बंदूकों से बिजली नहीं दी रानी खूब लड़ी मर्दानी वो झांसी वाली रानी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही किशन सिंह बंजारा ने कहा कि रख देंगे तुझको चीर तेरे बाप का नहीं यह जम्मू और कश्मीर तेरे बाप का नहीं। एम.एल.भटनागर मामा ने पैगाम देते हुए कहा इंसान है हम इंसानियत को पहचानो दोस्त और दुश्मन का फर्क जानते है। कार्यक्रम में उपस्थित श्रोताओं में बृजेश श्रीवास्तव, परिचय नामदेव, दयाराम, मनीष शर्मा, मनीष कुशवाहा, राजाराम खटीक एड., सोनू शर्मा, रामचंद्र, एल्मीरा नामदेव, आरती नामदेव आदि श्रोतागण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में रामप्रकाश शर्मा ने उपस्थित सभी श्रोताओं कवियों का तहे दिल से आभार व्यक्त किया।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here