गाजीपुर। बिखरते परिवार और टूटते रिश्तों को बचाने और भगवान राम के महान आदर्शों मूल्यों और मर्यादा को घर घर मे स्थापित करने के उद्देश्य से विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं रामपंथ के पंथाचार्य डॉ राजीव श्रीगुरुजी क्षेत्र के विक्रमपुर गांव में भव्य स्वागत किया गया। जनपद के सैदपुर क्षेत्र के विक्रमपुर गांव में युवा परिषद द्वारा आयोजित परिवार और रिश्ते भारतीय संस्कृति का मूल आधार विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता डॉ राजीव श्रीगुरुजी ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया। इस दौरान संस्था के महासचिव ने कहा कि विशाल भारत संस्थान रिश्तों की पूंजी के जरिये परिवार बचाने का महाअभियान शुरू किया है।
संघर्षों को खत्म कर कर्तव्यों को आगे करने से पारिवारिक एकता आएगी। वही भारत सरकार में उर्दू कौंसिल की कार्यकारिणी सदस्य हनुमान चालीसा फेम नाज़नीन अंसारी ने कहा कि ” भारत की महान संस्कृति ही दुनिया को बचा सकती है । इस्लामिक देश हिंसा से सब कुछ छीनने और थोपने का काम करते है। यूरोपीय देश अधिकार की बात कर संघर्ष को बढ़ावा देते है , लेकिन भारत की संस्कृति साबको बचाने, जोड़ने और सम्मान देने की बात करती है । अब तो तय हो गया है अपने देश से प्यार है तो राम के रास्ते पर चलो । अगर औरंगजेब को आदर्श माना तो भाई अपने सगे भाई का सर काटकर ,कटे हुए सर को लेकर घूमेगा और अपने विजेता होने का प्रदर्शन करेगा।
संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजीव गुरुजी ने बताया कि संबंधों के संसाधन और रिश्तों की पूंजी लेकर परिवारों को बचाने निकला हूं । परिवारों के टूटने का असर गांवों,समाज और देश पर पड़ा है। भारत की महान संस्कृति सामूहिकता में भरोसा रखती है । भगवान राम के महान आदर्श और मूल्य परिवार को बचाने के लिए जरूरी है । वृद्धाश्रम न बने , हर व्यक्ति को अपने अंतिम समय मे परिवार का सहारा मिले और सम्मान के साथ अंतिम विदाई हो । इसके लिए त्याग और कर्तव्य को अपना आधार बनाना पड़ेगा। संगोष्ठी का संचालन विवेकानंद सिंह ने किया एवं धन्यवाद नीरज सिंह ने दिया।





