अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जो पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर कोई महिला अपने पति की हत्या कर देती है तो भी वह पारिवारिक पेंशन की हकदार होगी.
मामला साल 2008 का है. बलजीत नाम की महिला के पति तरसेम सिंह की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी. साल 2009 बलजीत के खिलाफ ही पति की हत्या का केस दर्ज किया गया. दो साल बाद उसे हत्या का दोषी ठहराया गया.
हत्या का दोषी ठहराए जाते ही हरियाणा सरकार ने बलजीत सिंह को मिलने वाली पारिवारिक पेंशन पर रोक लगा दी. पेंशन पर रोक लगाए जाने के सरकार के फैसले को उसने अदालत में चुनौती दी.
मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को नहीं काटता है. अगर किसी पत्नी ने अपने पति की हत्या भी कर दी है तो भी पारिवारिक पेंशन से उसका अधिकार खत्म नहीं हो जाता. फैमिली पेंशन वह सुरक्षा है जिससे मरने वाले के परिवार का भरण-पोषण होता है.
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हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया कि बलजीत के सारे बकाये का सरकार दो महीने के भीतर भुगतान करे. हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार का आदेश नियमों के खिलाफ है. फैमिली पेंशन को किसी भी सूरत में भी बंद नहीं किया जा सकता.