अम्बेडकरनगर मनरेगा के कार्यों को जमीनी स्तर पर संचालित करने के लिए सीधे तौर पर जवाबदेह ग्राम रोजगार सेवकों की होती है परंतु जनपद मुख्यालय पर अधिकांश रोजगार सेवक सेक्रेटरी की मुंशीगीरी कर रहे हैं। आखिर इन रोजगार सेवको के द्वारा अपने ग्राम पंचायत में क्या कार्य करवाया जाता है यह आप आसानी से जान सकते हैं जब सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम 7:00 तक यह सेक्रेटरी के पास उपलब्ध रहते हैं तो किस प्रकार यह अपने ग्राम सभा के बेरोजगारों को रोजगार दे पाएंगे। नाम न छापने की शर्त पर कुछ रोजगार सेवकों के द्वारा बताया गया कि जब छह माह वेतन नहीं मिलेगा तो हमारा और हमारे परिवार का खर्च कैसे चलेगा इसलिए हमारी मजबूरी है कि हम सेक्रेटरी कि यहां मुंशीगीरी करते हैं।
जहाँ यूपी सरकार विकास कराने का और ग्रामीणों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार देने का दावा करती है वहीं ग्राम रोजगार सेवक मनरेगा में धांधले वाजी करता चला आ रहा है, जानकारी के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार गावों में विकास और ग्रामीणों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार देने का पूरा दवा तो करती हैं किन्तु इसी प्रकार के भ्रष्ट अधिकारियों वा कर्मचारियों की वजह से ही ग्रामीण जनता का ना तो विकास हो पाता है और ना ही मनरेगा के द्वारा रोजगार मिल पात है सरकार के द्वारा दिये गए राशि को धरातल में न खर्च करके बन्दर बाट कर लेते है जिसके कारण ना तो गावों में विकास हो पाता है और ना ही मनरेगा में कार्यरत ग्रामीणों को पेंमेंट मिल पाता है।क्या प्रशासन इस रवैया पर रोक लगा पाएगा या नहीं यह एक यक्ष प्रश्न है।