कोरोना के कारण अनाथ हुए 242 बच्चों को भावनात्मक सहयोग जरूरी : मंडलायुक्त

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Emotional support is necessary for 242 children orphaned due to Corona: Divisional Commissioner

अवधनामा संवाददाता

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 242 बच्चे चिन्हित

आयुक्त की पहल से खोजे गए अनाथ हुए बच्चे,

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ मिलेगा

ललितपुर(Lalitpur)। कोविड काल में अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों को खोजने की कड़ी में मण्डल में 242 अनाथ बच्चों को खोजा गया है। इसमें 224 बच्चों की प्रोफाइलिंग भी की जा चुकी है। आपको बता दे कि कोविड 19 महामारी में अपने माता पिता व अभिभावक को खोने वाले बच्चों की मदद के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की गयी थी। इसके माध्यम से ऐसे बच्चों की खोज की जा रही है जिन्होने कोविड काल में अपने माता पिता या दोनों में से किसी एक को खोया हो। गत 16 जून को मंडलायुक्त अजय शंकर पाण्डेय ने भी मण्डल में ऐसे बच्चों की खोज के निर्देश दिये थे। जिसके फलस्वरूप मण्डल में 242 बच्चों को खोजा गया है, जिसमें 125 बच्चे झाँसी जनपद में, 90 ललितपुर में और 27 बच्चे जालौन में खोजे गए है। झाँसी जनपद में 18 बच्चे ऐसे मिले जिन्होने अपनी माँ को खोया, 105 बच्चे ऐसे है जिन्होने अपने पिता को खोया वही 2 बच्चे ऐसे मिले जिन्होने माता पिता दोनों को खोया। वही ललितपुर में 17 बच्चे ऐसे मिले जिन्होने अपनी माँ को खोया, 63 बच्चे ऐसे है जिन्होने अपने पिता को खोया वही 10 बच्चे ऐसे मिले जिन्होने माता पिता दोनों को खोया। जालौन में पिता को खोने वाले 25 बच्चे मिले वही 2 बच्चे ऐसे मिले जिन्होने अपने माता पिता दोनों को खोया। इन बच्चों में 224 बच्चों की प्रोफाइलिंग हो चुकी है, और सरकार द्वारा मुहैया कराई जाने वाली मदद इनको जल्द मिलना शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से कोई भी बच्चा छूटने न पाए, इसके लिए झांसी मंडलायुक्त ने मंडल के सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर इसे गंभीरता से लेने को कहा है। मंडलायुक्त ने निर्देश दिया है कि कोविड महामारी में अनाथ हुए बच्चों को खोजा जाए ताकि उन्हें उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलाया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों की खोज में गंभीरता दिखाई जाए ताकि कोई भी अनाथ बच्चा योजना से वंचित न रह जाए। आयुक्त ने कहा कि कोविड से अनाथ हुए बच्चों को न सिर्फ योजना का लाभ पहुँचाया जाए बल्कि उन्हें भावनात्मक सहयोग भी जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिया कि कोविड में जिन लोगों की मौत हुई है, उनसे फोन के माध्यम से संपर्क कर अनाथ बच्चों की खोज की कार्यवाही करा ली जाए तथा पात्र लाभार्थियों को निर्धारित प्रारुप पर आवेदन संकलित करा लिए जाए। मंडलायुक्त ने कहा कि अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास हेतु संचालित उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ पहुंचाना मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाले बिंदुओं में शामिल है। लिहाजा इसे गंभीरता से लिया जाए। अनाथ बच्चों के लिए उपलब्ध कराई जा रही योजनाओं की नियमित समीक्षा हेतु मंडलीय परियोजना प्रबंधक आनंद चौबे को समन्वयक नामित किया गया है।

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