कुंभकर्णी निद्रा में सो रहा बिजली विभाग, जनप्रतिनिधियों का भी ध्यान नहीं                

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Electricity department sleeping in Kumbhakarni sleep, even public representatives don't care

अवधनामा संवाददाता

क्षेत्रवासियो को मिल रही दो से तीन घंटे की विद्युत आपूर्ति, कोई पुरसाहाल नहीं                          

अतरौलिया/ आजमगढ़(Atraulia / Azamgarh)। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा 18 से 22 घंटे बिजली देने का वादा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ़ विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उदासीनता के कारण विद्युत वितरण केंद्र अतरौलिया के उपभोक्ताओं के लिए मात्र दो से तीन घंटे की विद्युत आपूर्ति मिल रही है। यहां प्रदेश सरकार के प्रतिदिन 18 से 22 घंटे विद्युत आपूर्ति करने का दावा खोखला साबित हो रहा है। वही बिजली, पानी, शिक्षा तथा स्वास्थ्य के बड़े-बड़े वादे करके जनता का वोट लेने वाले सांसदों विधायकों के साथ साथ अन्य जनप्रतिनिधियों को भी बिजली की दुर्दशा पर सोचने का मौका नहीं मिल रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बिजली विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों के साथ-साथ क्षेत्रीय विधायक एवं सांसद भी कुंभकरण की निद्रा में सो रहे हैं। यहां तक की चट्टी चौराहों एवं चाय पान की दुकानों पर बैठकर पूरे देश एवं प्रदेश की सत्ता को हिलाने वाले छुटभैय्ये नेता एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को भी जनता की इस समस्या से कोई वास्ता नहीं रह गया है। यह लोग भी बिजली की समस्या पर कानों में उंगली डालकर बैठ गए हैं ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बिजली विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों के आगे क्षेत्र के सांसद विधायक  से लेकर अन्य जनप्रतिनिधि भी नतमस्तक हो गए हैं। एक तरफ खरीफ की मुख्य फसल धान की रोपाई का कार्य बाधित हो गया है, वहीं दूसरी तरफ चिपचिपी गर्मी से विद्युत उपभोक्ताओं का हाल बेहाल हो गया है। बाधित विद्युत आपूर्ति के चलते उपभोक्ताओं में प्रदेश सरकार के प्रति गहरा आक्रोश व्याप्त है। वही जनप्रतिनिधियों की खामोशी भी जनता को यह सोचने पर विवश कर रही है क्या सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी नेताओं को भी जन समस्याओं से कोई वास्ता नहीं रह गया है। उपभोक्ताओं ने बताया कि बार बार संबंधित अधिकारियों से  शिकायत करने के बाद भी उनके कान में जूं तक नहीं रेंग रहा है ।

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