मोदी लहर में उड़ गया था विपक्ष, बीजेपी को झारखंड में 14 में से मिली थीं 12 सीटें

0
109

Lok Sabha Election 2024 पांच चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है। अगला चरण 25 मई को है। इस बीच चुनावी किस्‍सों की सीरीज में आज हम आपके लिए लाए हैं मोदी लहर की ऐसी कहानी जिसमें विपक्ष पूरी तरह धराशायी हो गया था। विपक्ष को सिर्फ दो सीटों पर संतोष करना पड़ा था। सबसे बुरी स्थिति कांग्रेस के लिए थी उसका खाता भी नहीं खुल पाया।

मृत्युंजय पाठक, रांची: साल 2014 में हुए 16वें लोकसभा चुनाव में ‘मोदी लहर’ की बदौलत भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल कर केंद्र की सत्ता में 10 साल बाद वापसी की थी। लोकसभा चुनाव के इतिहास में पहली बार भाजपा ने रिकॉर्ड 283 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में भाजपा गठबंधन ने कुल 336 सीटें जीती थीं।

भाजपा ने झारखंड की 14 में 12 सीटें जीती थीं। मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने अपने कैबिनेट में लोहरदगा के सांसद सुदर्शन भगत और हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा को शामिल किया। खूंटी के सांसद कड़िया मुंडा लोकसभा उपाध्यक्ष बनाए गए।

मोदी लहर, विपक्ष धराशायी

साल 1984 में कांग्रेस के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा पहली ऐसी पार्टी बनी थी जिसने अपने दम पर सरकार बनाने लायक सीटें जीती थीं। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस को इस कदर प्रचंड बहुमत मिला था। उस वक्त कांग्रेस ने अपने दम पर 404 सीटें जीती थीं।

दिग्गजों को नहीं था भरोसा

2014 के चुनाव से पहले भाजपा के कई दिग्गजों को भी रिकॉर्ड तोड़ सफलता की उम्मीद नहीं थी। भाजपा चाहती थी कि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा जमशेदपुर से लोकसभा का चुनाव लड़े। उन्होंने नहीं लड़ा। इसी तरह झारखंड विकास मोर्चा (प्रो) के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी से भी गठबंधन या पार्टी में वापसी के लिए भाजपा ने संपर्क साधा था।

282 सीटें जीती थीं बीजेपी

तब बाबूलाल तैयार नहीं हुए। हालांकि पांच साल बाद बाबूलाल ने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया। यशवंत सिन्हा ने हजारीबाग से खुद चुनाव न लड़कर अपने बेटे जयंत सिन्हा को लड़वाया। इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 336 सीटें मिली थी जबकि भाजपा ने 282 सीटें जीती थीं।

कांग्रेस का हो गया सफाया

साल 2014 के लोकसभा चुनाव के समय हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री थे। हेमंत सोरेन की अगुवाई में झामुमो और कांग्रेस ने गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा। राजमहल से झामुमो के विजय हांसदा और दुमका से झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन विजयी हुए। कांग्रेस का झारखंड से पूरी तरह सफाया हो गया। 14 में एक भी सीट पर कांग्रेस को सफलता नहीं मिली। तत्कालीन झाविमो के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने दुमका लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here