अवधनामा संवाददाता
मुबारकपुर,आजमगढ़ । इस्लाम धर्म के संस्थापक हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहवसल्लम का जन्मदिन इस्लामी साल रबीउलअव्वल की बारह तारीख़ वृहस्पतिवार को ईद मीलादुन्नबी बड़े ही हर्षॉल्लास के साथ स्थानीय कस्बा सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों मनाया गया। वृहस्पतिवार को भोर में ही जगह जगह मस्जिदों तथा घरों में मीलाद शरीफ पढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया। मस्जिदों में फ़ज्र की नमाज़ अदा की गयी।
इसी क्रम में वृहस्पतिवार को एक ऐतिहासिक जुलूस मोहम्मदी हज़ारों झंडे झंडियों के साथ कस्बे की प्रसिद्ध मरकज़ी अंजुमन अशरफी दारुल मोतआला के नेतृत्व और सदस्यों की देखरेख में दारुल उलूम अहले सुन्नत मदरसा अशरफिया मिस्बाहुल उलूम से प्रातः सात बजे निकाला गया जिसमे एक दर्जन से अधिक धार्मिक अंजुमनों ने नात ख्वानी और मनकबत ख्वानी कर हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम को मंज़ूम खिराजे अक़ीदत पेश किया। जुलूस मोहम्मदी मदरसा अशरफिया से निकलकर अपने परम्परागत रास्तों से गुज़रता हुआ मोहल्ला पुरानी बस्ती, पूरा दीवान, शाहमोहम्मदपुर, पूरा सोफ़ी, पुरारानी से गुज़रता हुआ देर शाम तक मोहल्ला पुरानी बस्ती लाल चौक एवं अपने परंपरागत रास्तों से होते हुए रात करीब 8रू30 बजे सब्ज़ी मंडी स्थित कदम रसूल के मैदान पहुँच कर सकुशल संपन्न हुआ। जुलूस के स्वागत के लिए दौरान जगह जगह ज़र्दा, मिठाई खिलाकर ख़ुशी मनाई। ईद मीलादुन्नबी के मौके पर घरों में मुख्य पकवान ज़र्दा, पूड़ी, गुलगुला, जामुन आदि अन्य व्यंजन बनाये गए और उनका लुत्फ़ उठाया।
सुबह होते ही बच्चे, बूढ़े, जवान सभी नहा धोकर नए नए कपड़े पहने और इत्र लगाकर जुलूस में जाने के लिए घर से निकल पड़े। दिन भर नबी की आमद के तराने गाते रहे। जुलूस को सकुशल सम्पन्न कराने के
दृष्टिगत सुरक्षिस व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए गए थे थाना निरीक्षक राजेश कुमार व कस्बा चौकी प्रभारी अजीत चौधरी लगातार चक्रमण कर आरजक तत्वों पर पैनी नज़र रखे हुए थे।