चैनपुरवा में श्रमदान से रास्ता बनाने की शुरू हुईं कवायद

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अवधनामा संवाददाता 

एसडीएम ने दिया समस्या के समाधान का अस्वाशन
सूरतगंज, बाराबंकी। चैनपुरवा गांव के लोग वर्षों से भगहर झील पर पुल बनाए जाने की मांग करते आ रहे हैं। परन्तु उन्हें जनप्रतिनिधियों से ही नहीं  शासन-प्रशासन से सिर्फ आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला।घुट्टी से परेशान  होकर ग्रामीण रास्ते के निर्माण में खुद ही जुट गए हैं, और श्रमदान से रास्ता भी बनाने लगे। गांव के बच्चे व बुजुर्ग ही नहीं महिलाएं भी रास्ता निर्माण में खुद भागीदारी कर रही हैं। खबर का संज्ञान लेकर गांव पहुंची उपजिलाधिकारी ने ग्रामीणों से वार्ता की है, और शीध्र ही समस्या का समाधान किये जाने हेतु एक सप्ताह का समय भी मांगा है।
सूरतगंज-महादेवा मार्ग के किनारे रानीगंज गांव के समीप भगहर झील स्थापित है।इस झील के उसपार पांच गांव है।चैनपुरवा गांव झील किनारे ही बसा है। ग्रामीणों को गांव आने-जाने हेतु 6 किमी की दूरी तय करनी पड़ती थी। ऐसे में यहां के अधिकांश ग्रामीण नाव का सहारा लेकर 2किमी की दूरी तय कर सूरतगंज-महादेवा मार्ग पहुंच जाते थे। करीब आठ साल पहले इस झील में एक नाव पलट गई थी।हादसे में एक ही परिवार के 6लोगों की मौत हो गई थी। तब से यहां निरंतर भगहर झील पर एक अदद पुल बनाए जाने की मांग होती आ रही है। परन्तु इन्हें आश्वासन की घुट्टी ही मिलती रही है। परेशान ग्रामीणों ने बुधवार की सुबह से श्रमदान करते हुए झील पर रास्ता बनना शुरू कर दिया था। दूसरे दिन भी रास्ता निर्माण का कार्य जारी रहा। खबर प्रमुखता से प्रकाशित की। तो गुरुवार की दोपहर एसडीएम  रामनगर तान्या भी गांव पहुंची। रास्ता बनाने में जुटे लोगों को बुलाकर उनसे बातचीत की। गांव के लोगों ने बताया कि पुल से विकास बाधित है। पुल न ही सही, रास्ते से ही काम चला लेंगे। एसडीएम ने यहां के ग्रामीणों को आश्वासित किया है, कि शीध्र आप लोगों  की समस्या का समाधान खोज लिया जाएगा। एक सप्ताह का समय दीजिए। झील पर पुल या फिर रास्ता दोनों में से एक विकल्प चयनित होगा।जिससे आप लोगों की समस्या दूर हो सके। एसडीएम के आश्वासन बाद ही यहां के लोग मानें है।
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