Friday, April 19, 2024
spot_img
HomeEducationइन मौलवी और मुफ़्तियों का क्या करें?  

इन मौलवी और मुफ़्तियों का क्या करें?  

इन मौलवी और मुफ़्तियों का क्या करें?  
सैयद वकार रिज़वी
हम जब भी मौलवी को कुछ कहते हैं तो तमाम मौलवी नाराज़ हो जाते हैं कि आप जब देखिये मौलवियों को ही निशाना बनाते रहते हैं, मौलवियों से हमारी कोई ज़ाती दुश्मनी नहीं लेकिन कुछ मौलवी ऐसे हैं जो चाहते हैं कि उन जैसे मौलवियों को हर लम्हें गालियां दी जायें जो समाज में त$फरक़ा फैलाने का कोई मौक़ा नहीं चूकते। बुधवार के हिन्दी अख़बारों और सोशल मीडिया पर जो ख़बर सबसे ज़्यादा गश्त कर रही है कि:-
शिया मसलक को मानने वालों के यहां इ$फतार पाटीज़् या शादी की दावत में जाने को लेकर दारूल उलूम देवबंद के मुफतियों ने फ़तवा जारी करते हुये कहा कि सुन्नी मुसलमानों को शियों के यहां जाने से परहेज़ करना चाहिये।
यह ख़बर जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो सबसे पहले सुन्नियों के ही पढ़े लिखे तबक़े ने इसे ख़ारिज कर दिया और ओबैदुल्लाह नासिर, मुस्तफा शेरवानी, तौफीक़ सिददीक़ी जैसे सुन्नी दानिश्वर ने सख़्त अलफाज़ों में इसकी मज़म्मत की। उन्होंने कहा कि शियों के यहां खाने पीने से मुतालिक़ दारूल उलूम देवबंद के जाहिलाना फ़तवे की मज़म्मत सबको ख़त लिखकर भी करनी चाहिये कि यह फ़तवा मुसलमानों में फू ट डालने की संघ की साजि़श और स्वामी की तरकीब का हिस्सा है। यह शरीयत के भी खि़लाफ़ है क्योंकि शरीयत समाजी मेल मिलाप का हुक्म देती है।
इससे ज़ाहिर है कि कोई सुन्नी और शिया ऐसी दकियानूसी बातों को सुनना भी पसन्द नहीं करता अमल करना तो दूर है, लेकिन एक मौलवी है जो ज़मीरफरोशी से बाज़ आने को तैयार ही नहीं है जहां हडडी देखी वहीं भौंकने लगा।
आज के हालात हमें हर लम्हें एकजुट रहने पर आमादा करते हैं और अलहमदोलिल्लाह हम इस राह पर गामजऩ भी हैं जिसके नतायज हमारे सामने हैं, मुक़ालि$फ इसी से बौखलाया है कि अगर हम एक रहेंगें तो मुक़ालि$फ हमेशा ज़ेर रहेगा। इसीलिये उसको जब मौक़ा मिलता है तो वह सबसे नम्र चारा मौलवी को ही अपना हथियार बनाता है इसबार भी कैराना और नूरपुर की शिकस्त के $फौरन बाद उसी हल्क़े से ऐसे फ़तवे का आना इसबात की साफ़ निशानदेही करता है कि यह फ़तवा यू नहीं बल्कि किसी बड़ी साजि़श का हिस्सा है। रूबीना जावेद, उनकी तंज़ीम अली कांग्रेस के तमाम अराकीन, डा. कौसर उस्मान, नज्म $फारूक़ी जैसे दानिश्वर और शोल्डर टू शोल्डर के तमाम अराकीन एक अरसे से आपसी इत्तेहाद के लिये जददोजहेद कर रहे हैं लेकिन अब ज़रूरत है कि सभी फि ऱक़े के बअमल  ओलेमा की, जो सामने आयें और ऐसे मोलवियों की सख़्त मोक़ालेफ़त करें जो माहौल को बिगाडऩे, तफऱक़ा फैलाने, आपसी इत्तेहाद को बरहम करने की हर लम्हें कोशिश किया करते हैं।
इसके साथ अवाम को भी अब बेदार होना पड़ेगा कि वह ऐसे मौलवियों ऐसे ख़तीबों से परहेज़ करें जो अपने बारे में कम दूसरों पर तनक़ीद ज़्यादा करते हैं, यही फ़ साद की अस्ल जड़ हैं आप अपने मसलक की इस्लाह करें, उन्हें बेदार करें इससे किसे एतराज़ लेकिन जब आप दूसरे के मसलक पर नुक़्ताचीनी करते हैं तो वह इक़तेलाफ़ की वजह बनता है। ऐसे लोगों को हर हाल में रोकना होगा।
चौधरी ज़ैद हुसैन ने सोशल मीडिया पर ऐसे मौलवियों के बारे में कुछ इस तरह लिखा
सबको रूसवा बारी बारी किया करो
हर मौसम में फ़ तवे जारी किया करो
नीदों का आखों से रिश्ता टूट चुका
अपने घर की पहरेदारी किया करो
नया सफ ऱ का नया इंतेज़ाम
कह देंगें हवा को धूप
चराग़ो को शाम कह देंगें
किसी से हाथ भी छुप कर मिलाइये
वरना इसे भी मौलवी हराम कह देगें।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular