1800 छात्रों वाले स्कूल में नही हैं अग्निशमन यंत्र।
आर0 टी0 ई0 के अन्तर्गत प्रवेशी बच्चों को किया जाता है तंग।
अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान
मौदहा-हमीरपुर । एक तरफ सरकार शिक्षा के स्तर को बढ़ाने व हर बच्चे को स्कूल तक पहुंचाने की बात करती है। सब को शिक्षा देने के लिए जोरशोर से ढिंढोरा पीट कर अपनी पीठ थपथपाती रहती है तथा आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को आर0 टी0 ई0 के तहत प्राईवेट स्कूलों में प्रवेश दिलाने का खूब प्रचार-प्रसार करती है लेकिन इस योजना के तहत जब बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में प्रवेश मिलता है तो वहां अनेकों कष्टों का सामना करना पड़ ता है। स्कूल संचालन आए दिन बच्चों तथा उन के अभिभावकों को परेशा करते रहते है इस का उदाहरण मौदहा कस्बे का सेंन्ट पाल्स इन्टर स्कूल है जहां आर0 टी0 ई 0 की धारा (ग) के अन्तर्गत एक बिटिया का प्रवेश हुआ है लेकिन प्रवेश के उपरान्त विद्यालय के प्रधानाचार्य के द्वारा इन्हें परेशान करनें की शिकायत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से की गयी थी जिन के आदेशानुसार खण्ड शिक्षा अधिकारी मौदहा नें 12/07/2022 को विद्यालय का औचक निरीक्षण किया निरीक्षण के दौरान विद्यालय में ढेरो कमियां पाई गयीं जिन के सम्बन्ध में दिनांक 21/7/2022 को खण्ड शिक्षा अधिकारी मौदहा द्वारा सेन्ट पाल विद्यालय को एक नोटिस दिया गया है जिस का स्पष्टीकरण विद्यालय प्रबन्धक/प्रधानाचार्य को दो दिनों के अंदर देना है। नोटिस में बिन्दुवार कमियों का उल्लेख किया गया। नोटिस में लिखा गया है कि प्राथमिक विद्यालय को आर0 टी0 ई 0 की धारा 12 के अंतर्गत पोर्टल पर पंजीकृत नही कराया गया है तथा जानबूझकर प्राथमिक विद्यालय की मैपिंग नही करायी गयी है और न ही इस सम्बंध में विभाग को सूचित किया है। प्राथमिक स्तर की कक्षाएं टीन शेड के नीचे चलाई जाती है जिस से बच्चों को गर्मी के मौसम में बहुत अधिक कष्ट होता है। एक एक कक्षा में कक्षा की छमता से अधिक 50 से 60 बच्चों को बैठाया जाता है जब कि परियोजना के मानक के अनुसार बच्चे को 3 फिट X 3 फिट का स्थान मिलना चाहिए। कक्षाओं में प्रयाप्त खिड़कियां नही हैं जिस से हर समय कक्षाओं में सफोकेशन यानी घुटन की स्तिथि बनी रहती है साफ हवा का आवागमन बाधित रहता है।विद्यालय में लगभग 1800 बच्चे अध्ययनरत हैं जिन में अधिकांश बच्चे अटोरिक्शा, बैटरी रिक्शा से आतें है जो भूसे की तरह भरे रहते हैं।इन वाहनों में बच्चों की सुरक्षा का बिल्कुल भी ख्याल नही रखा जाता है और न ही वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र है। स्कूल की मनमानी की हद यह है कि यहां वाहन सुरक्षा समिति का भी गठन नही है जब कि खण्ड शिक्षा अधिकारी मौदहा कार्यालय से इस सम्बंध में बार बार सभी विद्यालयों को निर्देशित किया जाता है।जांच में यह भी पाया गया कि बच्चों की संख्या के अनुरूप स्कूल में शौचालयों एवं पीनें के पानी की उचित व्यवस्था नही है। सब से अहम विद्यालय में अग्निशमन यंत्र भी नही हैं। आर0 टी0 ई0 के अंतर्गत प्रवेश पानें वाली कु हमना रहमान के पिता ने बताया कि प्रधानाचार्य नें प्रवेश करनें में ही बहुत परेशान किया था शिक्षा विभाग के अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद स्कूल प्रधानाचार्य नें प्रवेश तो कर लिया था लेकिन आए दिन अभिभावक को तंग करता रहा। गर्मियों की छुट्टियों के बाद जुलाई में जब स्कूल पुनः खुला तो प्रधानाचार्य से अभिभावक से स्पष्टतः कहा कि हम बिटिया का प्रवेश निरस्त कर देगें इस बात की मौखिक शिकायत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से की गयी जिस के बाद खंडशिक्षाधिकारी गोपाल वर्मा नें स्कूल का औचक निरीक्षण किया तो स्कूल में ढेरों कमियां पाई गयी।सेंट पाल्स स्कूल की ढेरों शिकायत अभिभावकों द्वारा की जाती रहती है यहां सब से बड़ी समस्या बच्चों की सुरक्षा की है सुबह कोई बच्चों को देखने वाला नही रहता है अभिभावक अपनें जिगर के टुकड़ों को छोड़कर चले जातें सच्चाई यह है कि सुबह यह स्कूल कम सराएं अधिक लगता है लेकिन इस पर कार्रवाई नही होती है। कस्बे के इस निजी स्कूल की मनमानी से अभिभावक बहुत तिरस्त हैं पाठ्यक्रम के नाम पर कमीशनखोरी का खेल जारी है। बेहतर शिक्षा के नाम पर अभिभावकों को लूटा जा रहा है। स्कूल संचालक ने एक दुकान कापी-किताबों और ड्रेस के लिए सेट कर रखी है जिस से अभिभावकों का आर्थिक शोषण होता है। कुछ सामान खुद स्कूल में ही बेचा जाता हैं। फीस बढ़ाकर तो जेब भरी ही जा रही है, कापी-किताब और ड्रेस से भी मोटी कमाई की जा रही है। इस स्कूल संचालक पर जिला प्रशासन का किसी तरह का कोई अंकुश नहीं है। निजी स्कूलों में अच्छी शिक्षा और व्यवस्था का लालीपॉप देकर अभिभावकों को ठगा जा रहा है। फीस निर्धारण में मनमानी करने वाला यह स्कूल संचालक ने चालू शिक्षासत्र में फीस में इजाफा कर दिया है। स्कूलों में फीस के साथ किताबों के दामों में बढ़ोत्तरी से अभिभावक परेशान हैं। अभिभावक कर्ज से बच्चों का दाखिला करवा रहे हैं। सेंट पाल्स प्राइवेट स्कूल द्वारा फीस के नाम पर किए जाने वाली मनमानी के खिलाफ शिक्षा विभाग की कुछ बोलने के बजाय मुंह बंद कर रखा है। इस स्कूल संचालक से कोई यह पूछने वाला नहीं कि आखिर किसके नाम पर इतनी भारी भरकम एडमीशन के नाम वसूली जा रही है।
मौदहा कस्बे में सालों से चल रहा सेंट पाल्स इन्टर कालेज जो इंग्लिश के नाम पर लोगों को खूब लूट रहा है जब कि सच्चाई यह है कि यहां पढ़ाई का निहायत घटिया है कहनें को मिशनरी स्कूल है लेकिन यहां के मालिकों कों स्वयं अंग्रेजी भाषा का ज्ञान नही है। स्कूल के प्रोस्पेक्टस में ढेरों गलतियां है अग्रेजी भाषा में छपे इन के प्रोस्पेक्टस का पहला शब्द कन्डीडेट की वर्तनी गलत है इसी पेज में दूसरी स्पेलिंग टैली गलत है इन के अलावा पूरे प्रोस्पैक्टस में न जाने कितनी गलतियां भरी पड़ी हैं ऐसे स्कूल बच्चों को सही शिक्षा कैसे देंगे जिन को खुद कुछ नही आता । अधिकतर विषय आयोग अध्यापकों द्वारा ही पढ़ावाए जा रहें। अब शिक्षा विभाग इस विद्यालय को लेकर गम्भीर नजर रहा है। जिस नें अपनी नोटिस के द्वारा जवाब तलब किया है विद्यालय को दो दिन के भीतर साक्ष्य सहित खण्ड शिक्षा अधिकारी को जवाब देना है अन्यथा कि स्थिति में विद्यालय की मान्यता प्रत्याहरण की कार्यवाही हेतु संस्तुति किये जानें का भी जिक्र किया गया है। अब देखना यह होगा कि नोटिस मिलने के बाद विद्यालय प्रबन्धक /प्रधानाचार्य नोटिस का जवाब देते हैं या नही क्योंकि जिन कमियों का जिक्र किया गया वह सही प्रतीत होती नजर आ रही हैं।
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