शराब घोटाला मामले में आईएएस विनय चौबे सहित कई ठिकानों पर ईडी का छापा

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प्रवर्तन निदेशालय( ईडी )ने मंगलवार सुबह को झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे, उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह सहित अन्य करीबी रिश्तेदार और संबंधित अधिकारियों के सीए के ठिकानों पर छापेमारी की है।

ईडी की टीम कांके रोड स्थित विनय चौबे के आवास और हरमू स्थित गजेंद्र सिंह के आवास पर ईडी की टीम छापेमारी कर रही है । बताया जा रहा है कि ये कार्रवाई शराब घोटाले मामले में की गयी है।

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही ईडी ने अपनी पड़ताल में पाया है कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल के दौरान आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाला हुआ। साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब की दुकानों से अवैध शराब को डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेचा गया, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।

छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर हुए 2050 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मामला दर्ज किया था। इस मामले में छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के साथ-साथ झारखंड के आईएएस और तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे को भी आरोपित बनाया गया है। ईओडब्ल्यू रायपुर के इंस्पेक्टर ने रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के निवासी विकास सिंह के बयान के आधार पर पहले मामले की जांच की और फिर मामला दर्ज किया।

विकास सिंह ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ के अधिकारियों अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और उनके सिंडिकेट ने शराब घोटाला करके छत्तीसगढ़ सरकार को अरबों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया। आरोपों में यह भी उल्लेख है कि इसी सिंडिकेट ने झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर झारखंड की आबकारी नीति में परिवर्तन किया, जिससे सरकार का राजस्व प्रभावित हुआ। इसके अलावा, दोनों राज्यों के अधिकारियों ने मिलकर मैन पावर सप्लाई में भी घोटाला किया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले अप्रैल 2023 में शराब घोटाले के संबंध में आईएएस विनय चौबे और कर्ण सत्यार्थी ने ईडी के रायपुर कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराया था।

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