प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार देर रात को कार्रवाई करते हुए जल जीवन मिशन (जेजेएम) में भ्रष्टाचार मामले में श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल को गिरफ्तार कर रात को ही ईडी कोर्ट के जज सुनील रणवाह के गांधी नगर स्थित आवास पर पेश किया गया। यहां से महेश मित्तल को पांच दिन के रिमांड पर भेज दिया गया है।
जानकारी के अनुसार मित्तल भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रडार पर काफी समय से था। लेकिन बार-बार फरार हो रहा था। दोनों ही एजेंसियों ने मित्तल को दस से अधिक समन भेजे थे। मित्तल ने इस का कोई जवाब नहीं दिया था। इसके बाद ईडी के अधिकारियों ने महेश मित्तल को बुधवार देर रात को गिरफ्तार कर जज सुनील रणवाह के गांधी नगर स्थित आवास पर हुई सुनवाई में ईडी के वकील हर्षवर्धन सिंह ने मित्तल के अपराध की गंभीरता के बारे में बताया। वहीं आरोपी के वकील गौरव जैन ने उसकी बीमारी का उल्लेख करते हुए उसे इलाज और दवा उपलब्ध कराने का आग्रह किया। उम्मीद है कि महेश मित्तल से होने वाली पूछताछ में ईडी के अधिकारियों को जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार मामले में नई जानकारियां मिलेगी।
गौरतलब है कि राजस्थान पीएचईडी विभाग में अलवर के बहरोड़ में पोस्टेड एक्सईएन मायालाल सैनी, नीमराणा में पोस्टेड जेईएन प्रदीप के साथ रिश्वत देने वाले ठेकेदार पदमचंद जैन और कंपनी के सुपरवाइजर मलकेत सिंह को एसीबी टीम ने सात अगस्त को गिरफ्तार किया था। इनके साथ एक दलाल प्रवीण कुमार को भी पकड़ा गया था।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इनके पास से 2.90 लाख रुपए कैश जब्त किया था। सभी बहरोड़ से जयपुर के होटल पोलो विक्ट्री पहुंचे हुए थे। घूस का पैसा लेकर जाने लगे तो पीछा कर चौमूं पुलिया के पास घेर कर पकड़ लिया। कार में बैठे बहरोड़ एईएन राकेश चौहान की भूमिका सामने आने के बाद उसे भी गिरफ्तार किया गया था। ठेकेदार पदमचंद जैन की फर्म श्याम ट्यूबवेल कंपनी है और महेश मित्तल की फर्म गणपति ट्यूबवेल है। पदमचंद जैन और महेश मित्तल आपस में जीजा-साला हैं। जल जीवन मिशन (जेजेएम) में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र व आय प्रमाण पत्र लगा कर दोनों कंपनियों पर जयपुर रीजन प्रथम व द्वितीय के इंजीनियरों से मिलीभगत कर 900 करोड़ के टेंडर लेने का आरोप है। सितम्बर-2023 में एसीबी ने फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर टेंडर हासिल करने के आरोप में श्याम ट्यूबवेल, गणपति ट्यूबवेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद ईडी मामले की जांच कर रहा है। ईडी ने इस मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) कानून में कार्रवाई करते हुए कथित मास्टर माइंड माने जाने वाले मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल के संचालक पदमचंद जैन और उसके बेटे पीयूष जैन को गिरफ्तार किया था। जो जेल में बंद हैं।