अवधनामा संवाददाता
तहसील अधिवक्ताओं ने जिला बार संघ के बैनर तले कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर धरना प्रदर्शन कर की नारेबाजी
डीएम के नाम ज्ञापन देकर बढ़े हुए चलकर रेटों को कम करने की उठाई मांग
ललितपुर। सदर तहसील रजिस्ट्रार कार्यालय में कार्यरत वकीलों की हड़ताल के तीसरे दिन अब जिला बार एसोसिएशन भी उनका समर्थन करता हुआ दिखाई दिया । जिला मुख्यालय पर स्थित पुरानी सदर तहसील में काम करने वाले वकीलों स्टांप वेंडरों एवं टाइपिस्ट की हड़ताल में अब जिला बार एसोसिएशन ने भी अपना योगदान दिया है । हड़ताल के तीसरे दिन जिला बार एसोसिएशन समर्थन में उतरी और जिला बार एसोसिएशन के बैनर तले स्टांप वेंडर तहसील में कार्यरत वकील आदि ने कचहरी के वकीलों के साथ मिलकर एक जुलूस निकाला और कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर वहां प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की । इसके साथ ही डीएम के नाम ज्ञापन देकर सदर तहसील के अंतर्गत कुछ इलाकों में अचानक बढ़ाए गए सर्कल रेटों के विरोध में ज्ञापन देकर रेटों को कम करने की मांग उठाई।
मिली जानकारी के अनुसार मिली जानकारी के अनुसार तहसीलदार संघ रजिस्ट्री लेखक स्टांप वेंडर आदि ने एकत्रित होकर सदर तहसील के अंतर्गत आने वाले कई गांवों के सर्किल रेट में बेतहाशा वृद्धि की गई। जिसको लेकर उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर उक्त मामले में ठोस कदम उठाए जाने की मांग उठाई थी एवं बड़ी हुई स्टंप वृद्धि में संशोधन किया जाना उचित बताया था। लेकिन जब उनकी इस मांग का निस्तारण नहीं हुआ तब पुरानी सदर तहसील में संचालित रजिस्ट्रार कार्यालय के वकील रजिस्ट्री लेखक एवं स्टाम्प बैंडर तथा मुंशी 2 जनवरी से तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए। तहसीलदार संघ का आरोप है कि दिनांक 1 दिसम्बर 2022 से पूर्व प्रस्तावित मूल्यांकन सूची के अनुसार नई मूल्यांकन सूची के संबंध में अत्यधिक रेट वृद्धि कर दी गई है जिससे तहसील के सभी अधिवक्ता रजिस्ट्री लेखक स्टाम्प बैंडरों में रोष व्याप्त है। तहसील बार संघ का आरोप है कि उन्होंने जिलाधिकारी को पहले ज्ञापन देकर इस मामले में ठोस कदम उठाने की मांग उठाई थी लेकिन जिला प्रशासन ने बढ़ी हुई दरों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की उन्होंने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि वह 2 जनवरी से 4 जनवरी तक समस्त तहसीलदार संघ अधिवक्ता रजिस्ट्री लेखक आदि अपने अपने प्रतिष्ठान बंद कर कार्य से विरत रहेंगे। इस हड़ताल के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित कर अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा था। अनुमान लगाया जा रहा है कि इन 3 दिनों की हड़ताल में राजस्व को लाखों रुपए की क्षति होने की संभावना है। हड़ताल के तीसरे दिन तहसील वकीलों के साथ जिला बार एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन जताया और उनके पक्ष में सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन कर कलेक्ट्रेट परिसर में बहुत प्रदर्शन कर नारेबाजी की एवं डीएम को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें बढ़े हुए सर्किल रेटों को तत्काल वापस लेने की मांग उठाई। अन्यथा की स्थिति में वृहद धरना प्रदर्शन आंदोलन करने की भी चेतावनी दी।
इस मामले में तहसील बार संघ के अध्यक्ष मुन्नालाल एडवोकेट सहित अन्य वकीलों का कहना है कि सिर्फ सदर तहसील में ही रजिस्ट्री की दरों में हताशा बढ़ोतरी की गई है, जबकि पूरे प्रदेश में ऐसा नहीं हुआ है जिस का विरोध कर रहे हैं । इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि 2019 में जो रजिस्ट्री की जाती थी उसके अनुसार कृषि भूमि के रूप में किए जाने वाले रजिस्ट्री को आवासीय बैनामा के रूप में विक्रय पत्र दर्ज किए जाते थे। जिसमें 10 से 15% बढ़ाया जाना प्रस्तावित था। लेकिन वर्तमान में रेट सूची 2022-23 में कृषि भूमि की दरें खत्म कर दी गई, सिर्फ आवासीय दरें ही लागू की गई जो नहीं होना चाहिए था। इस नियम से गरीब व मध्यम वर्ग को इतनी बड़ी लागत पर बैनामा कराना सक्षम नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने आगाह किया कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी नहीं मानी गई तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं, जिसका निर्णय एक बैठक कर सर्व सम्मति से लिया जाएगा। अधिवक्ताओं का आरोप है कि सरकार ने उन इलाकों के सर्किल रेट बढ़ा दिए हैं जहां लोग अधिकतर जमीन खरीदने का काम करते थे सर्किल रेट बढ़ने से लोगों ने जमीनों को खरीदना बंद कर दिया है सरकार ने 10 गुना से भी अधिक की वृद्धि की है जो नियमानुसार नहीं होनी चाहिए थी। इसके साथ ही रोड के किनारे की जो जमीन आवासीय प्लॉट के रूप में सृष्टि बैनामा कराना सुनिश्चित किया है वह भी नियम के विरुद्ध है क्योंकि सभी जगह रोड के किनारे की जमीन को आवासीय प्लॉट में दर्ज नहीं किया जा सकता यदि भूमि कृषि क्षेत्र में है तो फिर कृषि के ही दरों में उसकी रजिस्ट्री बैनामा किया जाना चाहिए जो नहीं हो रहा।