डीएसपी म्यूचुअल फंड ने सही मायने में डायवर्सिफिकेशन के लिए लॉन्च किया डीएसपी मल्टी एसेट एलोकेशन फंड

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अवधनामा संवाददाता

निवेशकों को अधिक वैल्यूएशन पर भी निवेश के लिए देता है अच्छा विकल्प

लखनऊ। लंबे समय में निवेश से अच्छा रिटर्न पाने के लिए इंवेस्टमेंट को लगातार बनाए रखने की जरूरत होती है. हालांकि, जिस प्रकार अधिकतर निवेशक भावनाओं में आकर फैसले लेते हैं और बाजार के ऊपर पर ज्यादा निवेश करते हैं और मार्केट में गिरावट के समय पैसे की जरूरत नहीं होने पर भी बाजार से बाहर निकल जाते हैं, ऐसे में निवेश को लंबे समय तक बनाए रखना कठिन काम है.

टिके रहने के लिए स्ट्रक्चर की जरूरत होती है. एक मजबूत स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए कई प्रकार के मटीरियल्स की जरूरत होती है, जिनमें से हर कोई अपनी अच्छी-अच्छी बातें लाता है. इसी तरह, एक उन निवेशकों को अलग-अलग प्रकार के एसेट क्लास की जरूरत पड़ती है, जो मजबूत पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं, ताकि उन्हें बाजार की अनिश्चितताओं के खिलाफ मजबूती से खुद को टिकाए रखने में मदद मिल सके.

डीएसपी म्यूचुअल फंड ने डीएसपी मल्टी एसेट एलोकेशन फंड (डीएसपी एमएएएफ) के लॉन्च की घोषणा की है, जो एक ओपन-एंडेड स्कीम है और जिसका उद्देश्य निवेशकों को इक्विटी की तरह लंबी अवधि का रिटर्न ऑफर करना है, लेकिन साथ में बाजार में गिरावट की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त लचीलापन (रेजिलिएंस) भी ऑफर करना है. डीएसपी एमएएएफ का लक्ष्य घरेलू इक्विटी, अंतरराष्ट्रीय स्टॉक, डेट इंस्ट्रूमेंट, गोल्ड ईटीएफ, अन्य कमॉडिटीज और ईटीएफ व एक्सचेंज ट्रेडेड कमॉडिटी डेरिवेटिव्स (ईटीसीडी) जैसे एसेट क्लास में निवेश को डायवर्सिफाइ कर निवेशकों को फायदा दिलाना और ओवरऑल रिस्क को कम करना है.

ऐतिहासिक डेटा से यह पता चलता है कि कौन सा एसेट क्लास सबसे अच्छा प्रदर्शन करेगा, यह साल दर साल के हिसाब से अलग हो जाता है. इससे यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि हर साल कौन एसेट क्लास सबसे बेहतर रिटर्न देगा. इस कारण सबसे अच्छा दांव होता है कि कई एसेट क्लास में निवेश किए जाएं. डीएसपी एमएएएफ 3 प्रमुख लेकिन सरल पहलुओं के आधार पर एसेट का एलोकेशन करेगा – अलग अलग एसेट क्लास से लंबे समय में मिल सकने वाला रिटर्न, उनकी वास्तविक अस्थिरता और विभिन्न एसेट क्लास के बीच आपस में संबंध. इसके पीछे ये सोच है कि जब पोर्टफोलियो में शामिल एसेट क्लास का आपस में कम से कम संबंध होगा, ऐसे में अगर एक एसेट क्लास खराब परफॉर्म करता है तब शायद कोई दूसरा एसेट क्लास बेहतर परफॉर्म करे, जो निवेशकों के अनुभव को बेहतर बना सकता है. इसके अलावा, मल्टी एसेट मॉडल पोर्टफोलियो के ऐतिहासिक रिटर्न ने इक्विटी की तुलना में काफी कम अस्थिरता के साथ घरेलू इक्विटी के जैसा रिटर्न दिया है.

डीएसपी एमएएएफ इक्विटी में 35 से 80 फीसदी के बीच निवेश कर सकता है, जिसमें से 50 फीसदी तक निवेश अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में हो सकता है. यह डेट में 10 से 50 फीसदी, गोल्ड ईटीएफ में 10 से 50 फीसदी, ईटीएफ और ईटीसीडी के माध्यम से अन्य कमॉडिटीज में 0 से 20 फीसदी और रीट व इनविट में 10 फीसदी तक निवेश कर सकता है.

दीर्घकालिक निवेशकों को कैपिटल गेन टैक्स के मामले में इंडेक्सेशन का लाभ मिलेगा, जैसा कि डेट स्कीम के मामले में मिलता है. अगर निवेशक ऐसे फंड में कम से कम तीन साल के लिए पैसे लगाते हैं, तो ऐतिहासिक डेटा से पता चलता है कि इंडेक्सेशन, डेट या इक्विटी टैक्सेशन के फायदे को जोड़ने के बाद निवेशकों के नेट रिटर्न पर कोई खास असर नहीं पड़ता है.

डीएसपी एमएएएफ के नए फंड ऑफर के लिए 7 सितंबर 2023 से सब्सक्रिप्शन शुरू होगा और 21 सितंबर 2023 को बंद हो जाएगा.

डीएसपी म्यूचुअल फंड के एमडी एवं सीईओ कल्पेन पारेख ने कहा, “निवेश में सबसे अंडररेटेड फैक्टर समय है. एक बार जब निवेशक समय देते हैं, तो कंपाउंडिंग का फायदा मिलने लगता है. हालांकि, कीमतों में आने वाली तात्कालिक घट-बढ़ से लोग निवेश को बनाए रखने में घबराने लगते हैं. इस कारण हम एक ऐसा समाधान पेश करना चाहते हैं, जो एसेट क्लास की संख्या बढ़ाकर उतार-चढ़ाव को कम कर दे. हमारा मल्टी एसेट फंड इंडियन इक्विटी के साथ वैश्विक स्टॉक, कीमती धातुएं और बॉन्ड को जोड़ता है, इस प्रकार निवेशकों को इनमें से सभी के साइकिल का फायदा मिलता है और उन्हें एक एसेट क्लास की तुलना में कम घट-बढ़ होने से उन्हें निवेश को बनाए रखने में मदद करता है.”

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